Book Title: Dhammakahanuogo
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj, Dalsukh Malvania
Publisher: Agam Anuyog Prakashan
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३६८
धम्मकहाणुओगे चउत्थो खंधो
तए णं से जाणसालिए बलवाउयस्स एयमळ आणाए विणएणं धयणं पडिसुणेइ, पडिसुणेत्तो जेणेव जाणसाला तेणेव उवागच्छइ, तेणेव उवागच्छित्ता जाणाई पच्चुवेक्खेइ, पच्चुवेक्खित्ता जाणाई संपमज्जेइ, संपमज्जित्ता जाणाई संवई, संवट्ठित्ता जाणाइं जीणेइ, णीणेत्ता जाणाणं दूसे पवीणेइ, पवीणइत्ता जाणाई समलंकरेइं, समलंकरिता जाणाई वरभंडगमंडियाई करेइ करेत्ता जेणेव वाहणसाला तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता वाहणसालं अणुपविसइ, अणुपविसित्ता वाहणाई पच्चुवेक्खेइ, पच्चुवेक्खित्ता वाहणाई संपमज्जइ, संपमज्जित्ता वाहणाई णोणेइ, णोणेत्ता वाहणाई, अप्फालेइ, अप्फालेता दूसे पवीणेइ, पवीणइत्ता वाहणाई समलंकरेइ, समलंकरित्ता वाहणाई वरभंडमंडियाई करेइ, करेत्ता वाहणाई जाणाई जोएइ, जोएत्ता पओयलट्ठि पओयधरए य समं आडहइ, आडहेत्ता वट्टमग्गं गाहेइ; गाहेत्ता जेणेव बलवाउए तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता बलवाउयस्स एयमाणत्तियं पच्चपिष्णइ । तए णं से बलवाउए णयरगुत्तियं आमतेइ, अमंतेत्ता एवं वयासी--'खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! चंपं णरि सब्भितरबाहिरियं आसित्त-जाव-कारवेत्ता एयमाणत्तियं पच्चप्पिणाहि"। तए णं से णयरगुत्तिए बलवाउयस्स एयमढं आणाए विणएणं पडिसुणेइ, पडिसुणित्ता चंपं णरि सभितरबाहिरियं आसित्त-जावकारवेत्ता य जेणेव बलवाउए तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता एयमाणत्तियं पच्चप्पिणइ। तए णं से बलवाउए कोणियस्स रण्णो भंभसारपुत्तस्स आभिसेक्कं हत्थिरयणं पडिकप्पियं पासइ हयगय-जाव-सण्णाहियं पासइ, सुभद्दापमुहाणं देवोणं पडिजाणाइं उबट्टवियाइं पासइ, चंपं णरि सम्भितर-जाव-गंधवट्टिभूयं कयं पासह, पासित्ता हतुद्धचित्तमाणं दिए दिए पोइमणे-जाव-हिए जेणेव कूणिए राया भंभसारपुत्ते तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता करयल-जाव-एवं पयासी--"कप्पिए णं देवाणुप्पियाणं आभिसेक्के हत्थिरयणे, हयगय-जाव-पवरजोहकलिया य चाउरंगिणी सेणा सण्णाहिया, सुभद्दापमुहाणं च देवीणं बाहिरियाए उवाणसालाए पाडियक्कपाडियक्काइं जत्ताभिमुहाई जुत्ताई जाणाई उवटावियाई चंपाणयरी सब्भितरबाहिरिया आसित्त-जाव-गंध-वट्टिभूया कया, तं णिज्जंतु णं देवाणुप्पिया! समणं भगवं महावीरं अभिवंदया। तए णं से कूणिए राया भंभसारपुत्ते बलवाउयस्स अंतिए एयभट्ठे सोच्चा णिसम्म हट्ठतुटु-जाव-हियए जेणेव अट्टणसाला तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता अट्टणसालं अणुपविसइ, अणुपषिसित्ता अणेगवायामजोग्ग-वग्गण-वामद्दण-मल्लजुद्धकरणेहिं संते परिस्संते । सयपागसहस्सपाहिं सुगंधतेल्लमाइएहि पीणणिज्जेहिं दप्पणिज्जेहिं मयणिज्जेहिं विहणिजेहि सविदियगायपल्हायणिज्जेहि अभिहिं अभंगिए समाणे तेल्लचम्मंसि पडिपुण्णपाणि-पायसुउमालकोमलतलेहि पुरिसेहिं छेएहिं दखेहिं पठेहिं कुसलेहिं मेहावीहिं निउणसिप्पोवगएहि अब्भंगण-परिमद्दणुव्वलण-करणगुणणिम्माएहि अट्ठिसुहाए मंससुहाए तयासुहाए रोमसुहाए चउविहाए संबाहणाए संबाहिए समाणे अवगयखेयपरिस्समे अट्टणसालाओ पडिणिक्खमइ, पडिणिक्खमित्ता जेणेव मज्जणघरे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छिता मज्जणघरं अणुपविसइ, अणुपविसित्ता समुत्तजालाउलाभिरामे विचित्तमणिरयणकुट्टिमयले रमणिज्जे हाणमंडवंसि णाणामणि-रयणभत्तिचित्तंसि व्हाणपोढंसि सुहणिसण्णे सुद्धोदएहिं गंधोदएहिं पुप्फोदएहि सुहोदएहि पुणो पुणो कल्लाणगपवरमज्जणविहीए मज्जिए । तत्थ कोउयसहि बहुविहेहि कल्लाणगपवरमज्जणावसाणे पम्हलसुकुमालगंधकासाइयलूहियंगे सरससुरहिगोसीसचंदणाणुलित्तगते अह्यसुमहग्घदूसरयणसुसंवुए सुइमालावण्णगविलेवणे य आविद्धमणिसुवण्णे कप्पियहारहार-तिसरय-पालब-पलंबमाणकडिसुत्त-सुकयसोभे पिणद्धगेविज्ज-अंगुलिज्जग-ललियंगयललियकयाभरणे वरकडग-तुडियथंभियभुए अहियरुवसस्सिगेए मुद्दियपिंगलंगुलोए कुंडलउज्जोवियाणणे मउडदित्तसिरए हारोत्थयसुकयरइयवच्छे पालंबपलंबमाणपडसुकयउत्तरिज्जे णाणामणि-कणग-रयणविमलमहरिहणिउणोवियमिसिमिसंतविरइयसुसिलिट्ठविसिट्ठल?आविद्धवीरवलए, कि बहुणा ? कप्परक्खए चेव अलंकियविभूसिए णरवई सकोरंटमल्लदामेणं [वाचनान्तरे-"अब्भपडलपिंगलुज्जलेणं अविरलसमसहियचंदमंडलसमप्पभेणं मंगलसयभत्तिच्छेयचित्ति यखिखिणिमणिहेमजालविर इयपरिगयपेरंतकणगघंटियपयलिय किणिकिणितसुइसुहसुमहुरसद्दालसोहिएणं सप्पयरवरमुत्तदामलंबंतभूसणणं नरिंदवामप्पमाणरूंदपरिमंडलेण सोयायववायवरिसविसदोसनासणणं हमरयमलबहलपडलवाडणपभाकरेणं उडुसुहसिवछायसमणुबद्धणं वेरूलियदंडसज्जिएणं वइरामयवस्थिनिउणजोइयअट्टसहस्सवरचणसलागनिम्मिएणं सुणिम्मलरययसुच्छएणं निउणोवियमिसिमिसंतमणिरयणसूरमंडलवितिमिरकरनिग्गयग्गपडिहयपुणरविपच्चापडतचंचलमिरिइकवयं विणिमयं. तेणं सपडिदंडेणं घरिज्जमाणेणं आयवतणं विरायते"] छत्तणं धरिज्जमाणेणं चउचामरवालवीइयंगे [वाचनान्तरे-“चउहि य पवरगिरिकुहरविचरणसमुइयनिरूवहयचमरपच्छिमसरीरसंजायसंगयाहि अमलियसियकमलविमलुज्जलियरययगिरिसिहरविमलससिकिरण--सरिस कलधोनिम्मलाहिं पवगायचवलललियतरंगहत्थनच्चतवीइपसरियखीरोदगपवरसागरुप्पूरचंचलाहि माणससरपरिसरपरिचियावासविसयवेसाहिं कणगगिरिसिहरसंसियाहिं ओवइयउप्पइयतुरियचवलजइणसिग्धवेगाहिं हंसवधूयाहिं चेव कलिए, णाणामणिकणगरवणविमलमहरिहतवणिज्जुज्जलविचित्तदंडाहिं चिल्लियाहिं नरवइसिरिसमुदयपगासणकरोहिं वरपट्टणुग्गयाहिं समिद्धरायकुलसेवियाहिं कालागुरुपवरकुंदुरुक्कवरवण्णवासगन्धुद्धयाभिरामाहिं सललियाहिं उभओपासं उक्खिप्पमाणाहि चामराहिं कलिए सुहसीयलवाय
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