Book Title: Dhammakahanuogo
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj, Dalsukh Malvania
Publisher: Agam Anuyog Prakashan

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Page 766
________________ शब्द-सूची उज्जितसेल सिहर १.४९-५० उज्जुमइ १.८२, ४.२७६ उज्जुमति २.१७२ उज्झियअ६.४५९, ६.४६५-४६६, ६.४६८-४७० उज्झिया ६.४५० ६.४५२-४५४ उडुकल्लाणिय १.१३२, १.१३५, १.१३७ उडुवाडियगण २.१७३ उग्णयासण ४.२६० उत्तमपुरिस १.९३ उत्तमा ३.२२५ उत्तर १.९४, १.१७२ उत्तरकुरा १.४९, १.१०० उत्तरकुरु १.१६, ३.२२५ उत्तरकुरुउज्जाण २.१०८ उत्तरकुल ४.२४४ उत्तरखत्तियकुंडपुरसन्निवेस १.५७, १.६९-७० उत्तरड्ढमरह १.१२४, १.१२६ उत्तरठलोगाहिबइ १.१४,१.२४ उत्तरबलिस्सगण २.१७२ उत्तरभद्दव १.१०० उत्तरवेउव्विय १.१३, १.३३, १.४५, १.५८, १.१३६, २.६२, ४.२४७ उत्तरवेयड्ठ १.१२२ उत्तरा१.८ उत्तराभद्दवया १.९९ उत्तरासंग ४.२४७ उत्तरासाढा १.५, १.२१,१.१०० उदग २.१४८, २.१५५,२.१६३ उदगरयण २.५४ उदगसाला २.१४८ उदय १.१०४, २.१४८-१५०, २.१५५-१५६, २.१६४ उदयण ३.२३६-२३७, ६.४७९-४८० उदह १.७९ उदही १.१५ उदाइ १.८८, ५.४०४, ६.४३५ उदायण २.१२० उदापि ४.३७६ उदिओदिय ६.४७२ उदितोदितकुलवंस १.९५, १.१०२ उदुंबरिज्जिया २.१७२ उदंड ४.२४४ उदंडपुर ५.४०५ उद्दवाइयगण १.१११ उद्दायण १.८८, २.१४-१५, २.६९, २.१३७-३९ उद्देसिय १.९१, २.२९, २.८२, २.११४, ४.३७३, ५.३८५ उद्देहगण १.१११, २.१७२ उन्ना २.२० उप्पत्तिणगर १.८८ उप्पय निबय १.१७ उप्पल १.६० उप्पला ३.२२५, ४.३५४-३५५, ६.४६७-४६८ उप्पायपव्वयग ४.२६० उमा १.१४२ उम्बरपायव ४.२४५ उम्मग्गजला १.१२४ उम्मग्गनिमग्गजला १.१३० उम्मुय ३.१९५ उल्लगच्छ २.१७२ उल्लगा १.८८ उल्लगातीर ५.३८१ उवज्झाय १.३, १.८५ उवट्ठाणसाला १.११४, १.११६-११९, १.१२१, १.१२९-१३०, १.१३४,१.१३६, २.६-७,२.२५,२.४३, २.५८,२.७०-७१, २.७४, २.७७, २.१३८, ३.१९०, ३.१९३, ३.२०९, ३.२२०-२२१, ३.२२६, ३.२३७, ४.२६९, ४.२७२, ४.३५८, ४.३६५, ४.३६७, ४.३६८-६९, ५.३८३, ६.४२१, ६.४२६ ४२८, ६.४३३ उवनंदभद्द २.१७२ उवयालि २.३४,२.९७ उवलद्धपुव्व ३.१८७ उववायसभा २.१५, ३.२२३, २.२२८, ३.२३१, ४.२४६, ४.२६३, ४.२६७, ४.२८७, ४.२९४, ६.४९७ उवसंतजीवी ५.३९२ उवसग्ग १.२०, १.३२, १.५२, १.७६-७७, १.९०, १.११३, २.१२७ उवहाणपडिमा १.८३ उवासगपडिमा २.३९ उसड्ड ४.२६० उसभ १.४-५, १.१९-२०, १.२२-२३, १.९४, १.९७-९८, १.१००-१०१, १.१०५, १.१०७-१०८, १.११०, १.१३९ उसभदत्त १.५५-५९, २.३, २.११ २.५६. २.५८-५९, २.१०७, २.१३२, २.१३९, ३.२३७ उसभपुर १.८८,२.१०७, ५३८१ उसभसिरि १.१०८ उसभसेण १.१०१ १.१०५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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