Book Title: Dhammakahanuogo
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj, Dalsukh Malvania
Publisher: Agam Anuyog Prakashan
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४८२
धम्मकहाणुओगे छट्ठो खंधो
तस्स णं दुज्जोहणस्स चारगपालस्स बहवे वेणुलयाण य वेत्तलयाण य चिचालयाण य छियाण य कसाण य वायरासीण य पंजा य निगरा य संनिक्खित्ता चिट्ठति । तस्स णं दुज्जोहणस्स चारगपालस्स बहवे सिलाण य लउडाण य मोग्गराण य कणंगराण य पंजा य निगरा य संनिक्खित्ता चिट्ठति । तस्स णं दुज्जोहणस्स चारगपालस्स बहवे तंतीण य वरत्ताण य वागरज्जूण य वालयसुत्तरज्जूण य पुंजा य निगरा य संनिक्खित्ता चिट्ठति । तस्स णं दुज्जोहणस्स चारगपालस्स बहवे असिपत्ताण य करपत्ताण य खुरपत्ताण य कलंबचीरपत्ताण य पुंजा य निगरा य संनिक्खिता चिठ्ठति । तस्स णं दुज्जोहणस्स चारगपालस्स बहवे लोहखोलाण य कडसक्कराण य चम्मपट्टाण य अलीपट्टाण य पुंजा य निगरा य संनिक्खित्ता चिट्ठति । तस्स णं दुज्जोहणस्स चारगपालस्स बहवे सूईण य डंभणाण य कोट्टिल्लाण य पुंजा य निगरा य संनिक्खित्ता चिट्ठति । तस्स गं दुज्जोहणस्स चारगपालस्स बहवे सत्थाण य पिप्पलाण य कुहाडाण य नहच्छेयणाण य दब्भाण य पुंजा य निगरा य संनिक्खित्ता चिठ्ठति ।
दुज्जोहणस्स चरिया २८६ तए णं से दुज्जोहणे चारगपाले सोहहस्स रण्णो बहवे चोरे य पारदारिए य गंठिभए य रायावकारी य अणहारए य बालघायए य
विस्संभघायए य जूइगरे य संडपट्टे य पुरिसेहिं गिण्हावेइ, गिण्हावेत्ता उताणए पाडेइ, लोहदंडेणं मुहं विहाडेइ, विहाडेत्ता अप्पेगइए तत्ततंबं पज्जेइ, अप्पेगइए तउयं पज्जेइ, अप्पेगइए सीसगं पज्जेइ, अप्पेगइए कलकलं पज्जेइ, अप्पेगइए खारतेल्लं पज्जेइ, अप्पेगइयाणं तेणं चेव अभिसेगं करेइ । अप्पेगइए उत्ताणए पाडेइ, पाडेत्ता आसमुत्तं पज्जेइ, अप्पेगइए हत्यिमुत्तं पज्जेइ, अप्पेगइए उट्टमुत्तं पज्जेइ, अप्पेगइए गोमुत्तं पज्जेइ, अप्पेगइए महिसमुत्तं पज्जेइ, अप्पेगइए अयमुत्तं पज्जेइ, अप्पेगइए एलमुत्तं पज्जेइ । अप्पेगइए हेढामुहए पाडेइ छडछडस्स वम्मावेइ, वम्मावेत्ता अप्पेगइए तेणं चेव ओवीलं दलयइ । अप्पेगइए हत्थंयाई बंधावेइ, अप्पेगइए पायंडुए बंधावेइ, अप्पेगइए हरिबंधणं करेइ, अप्पेगइए नियलबंधणं करेइ, अप्पेगइए संकोडियमोडियए करेइ, अप्पेगइए संकलबंधणं करेइ, अप्पेगइए हत्थच्छिण्णए करेइ, अप्पेगइए पायच्छिण्णए करेइ, अप्पेगइए नक्कछिण्णए करेइ, अप्पेगइए उछिण्णए करेइ, अप्येगइए जिब्भछिण्णए करेइ, अप्पेगइए सीसछिण्णए करेइ, अप्पेगइए सत्थोवाडियए करे । अप्पेगइए वेणुलयाहि य, अप्पेगइए वेत्तलयाहि य, अप्पेगइए चिचालयाहि य, अप्पेगइए छियाहि य, अप्पेगइए कसाहि य, अप्पेगइए वायरासोहि य हणावेइ । अप्पेगइए उत्ताणए कारवेइ, कारवेत्ता उरे सिलं दलावेइ, दलावेत्ता तओ लउडं छुहावेइ, छुहावेत्ता पुरिसेहि उक्कंपावेइ०।। अप्पेगइए तंतीहि य, अप्पेगइए वरत्ताहि य, अप्पेगइए वागरज्जूहि य, अप्पेगइए वालयसुत्तरज्जूहि य हत्थेसु य पाएसु य बंधावेइ, अगडंसि ओचूलं बोलग पज्जेइ। अप्पेगइए असिपत्तेहि य, अप्पेगइए करपत्तेहि य, अप्पेगइए खुरपत्तेहि य अप्पेगइए कलंबचीरपत्तेहि य पच्छावेद, पच्छावेत्ता खारतेल्लेणं अभंगावेइ । अप्पेगइयाणं निलाडेसु य अवसु य कोप्परेसु य जाणूसु य खलुएसु य लोहकीलए य कडसक्कराओ य बवावेइ अलिए भंजावेइ । अप्पेगइए सूईओ य डंभणाणि य हत्थंगुलियासु य पायंगुलियासु य कोट्टिल्लएहि आउडावेइ, आउडावेत्ता भूमि कंडुयावेइ। अप्पेगइए सत्थेहि य, अप्पेगइए पिप्पलेहि य, अप्पेगइए कुहाडेहि य, अप्पेगइए नहच्छेयणेहि य अंग पच्छावेइ, दम्भेहि य कुसुहि य उल्लवद्धेहि य वेढावेइ, आयवंसि दलयइ, दलइत्ता सुक्के समाणे चडचडस्स उप्पाडेइ । तए णं से दुज्जोहणे चारगपाले एयकम्मे एयप्पहाणे एयविज्जे एयसमायारे सुबहुं पावकम्मं समज्जिणित्ता एगतीसं वाससयाई परमाउं पालइत्ता कालमासे कालं किच्चा छट्ठीए पुढवीए उक्कोसेणं बावीससागरोवमठिइएसु नेरइएसु नेरइयत्ताए उववण्णे ।
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