Book Title: Dhammakahanuogo
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj, Dalsukh Malvania
Publisher: Agam Anuyog Prakashan
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४७६
धम्मकहाणुओगे छट्ठो खंधो
तए णं ते कोडुबियपुरिसा करयलपरिग्गहियं सिरसावत्तं मत्थए अंजलि कटु 'एवं सामि !' ति आणाए विणएणं बयणं पडिसुणेति,
पडिसुणेत्ता पुरिमतालस्स नयरस्स दुवाराई पिहेंति, अभग्गसेणं चोरसेणावई जीवग्गाहं गिण्हंति, गिण्हित्ता महब्बलस्स रणो उवणेति । २५५ तए णं से महब्बले राया अभग्गसेणं चोरसेणावई एएणं विहाणेणं वझं आणवेइ ।
उवसंहारो २५६ एवं खलु गोयमा ! अभग्गसेणे चोरसेणावई पुरा पोराणाणं दुच्चिण्णाणं दुप्पडिक्कंताणं असुभाणं पावाणं कडाणं कम्माणं पावगं
फलवित्तिविसेसं पच्चणुभवमाणे विहरइ ।
अभग्गसेणस्स आगामिभवकहा २५७ अभग्गसेणे णं भंते ! चोरसेणावई कालमासे कालं किच्चा कहिं गच्छहिइ ? कहि उववाजहिइ ?
गोयमा! अमागणे चोरसेणावई सत्ततीसं वासाई परमाउं पाल इत्ता अज्जेव तिभागावसे दिवसे सूलभिण्णे कए समाणे कालमासे कालं किच्चा इमोसे रयणप्पभाए पुढवीए उक्कोससागरोवमट्टिइएसु नेरइएसु नेरइयत्ताए उववज्जिहिइ । से णं तओ अणंतरं उबट्टित्ता, एवं संसारो जहा पढमे-जाव-वाउ-तेउ-आउ-पुढवीसु अणेगसयसहस्सखुत्तो उद्दाइत्ता-उद्दाइत्ता तत्थेव भुज्जो-भुज्जो पच्चायाइस्सइ । तओ उन्वट्टित्ता वाणारसीए नयरीए सूयरत्ताए पच्चायाहिई। से णं तत्थ सोयरिएहिं जीवियाओ ववरोविए समाणे तत्थेव वाणारसीए नयरीए सेट्टिकुलंसि पुत्तत्ताए पच्चायाहिइ । से गं तत्थ उम्मुक्कबालभावो, एवं जहा पढमे-जाव-अंतं काहिइ ।
विवागसुयं अ० ३।
१३. सगडकहाणयं
साहंजणीए सत्थवाहपुत्तो सगडो २५८ तेणं कालेणं तेणं समएण साहंजणी नाम नयरी होत्था--रिद्धस्थिमियसमिद्धा।
तीसे णं साहंजणीए नयरीए बहिया उत्तरपुरस्थिमे दिसीभाए देवरमणे नामं उज्जाणे होत्था । तत्थ णं अमोहस्स जक्खस्स जक्खाययणे होत्था--पोराणे।। तत्थ णं साहंजणीए नयरीए महचंदे नाम राया होत्था--महया हिमयंत-महंत-मलय-मंदर-महिंदसारे । तस्स णं महचंदस्स रण्णो सुसेणे नामं अमच्चे होत्था--साम-भेय-दंड-उवप्पयाणनीति-सुप्पउत्त-नयविहिण्णू । तत्थ णं साहंजणीए नयरीए सुदरिसणा नाम गणिया होत्था--वण्णओ। तत्थ णं साहंजणीए नयरीए सुभद्दे नामं सत्थवाहे होत्था--अड्ढे । तस्स णं सुभद्दस्स सत्थवाहस्स भद्दा नाम भारिया होत्था--अहीण-पडिपुण्ण-पंचिदियसरीरा०। तस्स णं सुभद्दस्स सत्थवाहस्स पुत्ते भद्दाए भारियाए अत्तए सगडे नामं दारए होत्था-अहीण-पडिपुण्ण-पंचिदियसरीरे ।
महावीरसमोसरणे सगडस्स पुन्वभवकहा २५९ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे समोसरिए। परिसा राया य निग्गए। धम्मो कहिओ। परिसा गया।
तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स जे? अंतेवासी-जाव-रायमग्गं ओगाढे। तत्थ णं हत्थी, आसे, अण्ण य
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