Book Title: Bhudhar Jain Shatak Author(s): Bhudhardas Kavi Publisher: Bhudhardas Kavi View full book textPage 7
________________ अनुक्रमणिका अङ्गकानाम इन्दनया अनकानाम छन्दसङ्घना १ ऋषभदेवकीस्तुति १ ता ४ २१कर्तव्यशिक्षाकथन ४४ता ४५ २ चन्द्राभप्रभुकीस्तुति ५ २२देवलक्षणकथन ४६ ३ शान्तनाथकीस्तुति २३यन्नविष जीव होम ४ नेमिनाथकोस्तुति ७ निषेध ४७ ५ पार्श्वनाथकीस्तुति ८ २४सातीवारगर्मितषट् के ६ महाबारवीति । ता १० मा उपदेश ४प्ताह ७ सिहोंकोस्तांत ११ ता १२ २५सप्त विसन कथन ५०ताहर ८ सा परमेष्टी १३ २६कुकवि नन्दा कथन ६ ता६५ - जिनवाणीकोनम विधाता सों तक कर स्कार . १४ ता१५ कुकविनिन्दा ६६ . १० जिनमाणोभौरपरबा २८मनरूप इस्ती वर्णन ६७ णोअन्तरकथन १६ ২াল এন ११ भानी की भावना ३०चारी कषाय जोतन उपाय ६८ १२ रोग बैराग अन्तर ३१ मष्टवचनबोजनउपदेश ७० कथन १८ ३२ध र्य धारण प्रिया ७१ १३ भोगनिषेधवायन १८ ३३होनहारदुर्तिवारकथन ७२ १४ देहनिरूपणकथन २० ३४काल सामर्थ कथन ७३ १५ संसारदशानिरुपण २१ ता २४ ३५मज्ञानीज.बकेदुः ख का १६ शिषउपदेशकथन २५ ता ३१ कायन ७४ १७ संसारोज वकथन ३२ ता ३३ ३६धोर्यधारणशिक्षा ७५ १८ अभिमाननिषेध २४ ता ३६ ३७प्राशानाममदोवर्णन ७६ ८ निजव्योहारअवस्था महामूढवर्णन ता०८ ३७ ३९ कुष्ट जीव वर्णन ७८ २० बादशाकथन ३८ ता३३ ४० विधातासोवितककथन८० कथन कथनPage Navigation
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