Book Title: Bhimsen Harisen Charitra
Author(s): Amolakrushi Maharaj
Publisher: Pannalal Jamnalal Ramlal

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Page 56
________________ तो॥ इम सुणीने राजवी, मुरजाणो कर्मे हाथ लगाय तो ॥ उंडो निश्वास न्हाखीयो, बेठा तिहां शक्ती रहित थाय तो ॥ जो०॥ १३६ ॥ राय मोदी कहे तिण नणी, इत्ती फिकर क्यों मनमें लाय तो॥छ महीना कल जावसी, तुमखो म्हारा घररे माय तो॥ काम करो दुकानको, तन वस्त्र अन्न पेट भर खाय तो ॥ फिर मिलजो तुम रायने, रा खसे तुमने निश्चय राय तो॥ जो० ॥ १३७ ।। नीम रह्या तिणने घरे, काम करे कया प्रमाण चाय तो ॥ राणी पुतरकी चिंता घणी, इम करतां षट मास वीत्याय तो ॥ महीप सवारी नीक. ली, तिणथी मिल्याछे नीमजी जाय तो ॥ मुजरो कर उन्ना रह्या, नृप पुछे किण स्थान रहाय तो ॥ जो० ॥ १३८ ॥ दितीप्रतिष्टथी श्रावीयो, इम नीमसेणजी कियो उच्चार तो।। नोकर

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