Book Title: Bhimsen Harisen Charitra Author(s): Amolakrushi Maharaj Publisher: Pannalal Jamnalal RamlalPage 98
________________ (९६) सेणने बुलाइया, मांडीने कह्या कुमरका हाल तो॥ ते कहे राज यो आपको, खुसीसे करो आप इणरी संनाल तो॥ कुमर कहे मासाजी सुणो, उज्जेणी लेस्या पहला हम चाल तो॥ वीजयजी सुणी खुशी हुया, शैन्य सजी सब धरी उछाल तो॥ ॥ पु० ॥ २४३ ॥ दोनू राय मिल चालीया, बेना मिली दोइ गाम बाहिर हाल तो॥ वि. योगका प्राणूं वह्या, वस्त्र भूषण लिया दिया रसाल तो ॥ जयसुंदरी पाछी गइ, फोज चली ज्यों समुद्र प्रनाल तो॥ सुशीला दास्या प्रवरी, मुखे चाले बेठ्या मुखपाल तो ॥ पु०॥ २४४ ॥ दल प्रबल सज्यो अती, काली घटा जिम सोने छे गजे तो ॥ होदा सुवर्ण नगथी जडया, बिजली जिम रह्या चमकज तो ॥ मद करे भ्रमर गुंजारवे, १ हाथीPage Navigation
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