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AAPATIAL (ॐ नमः सिद्धं ) HARE
********* 15 बाल ब्रह्मचारी मुनी श्री अमोलख ऋषिजी Na
रचित र कर्म और धर्मका फल दर्शाने वाला भिमसेण हरीसेण चरित्र
और लक्ष्मीपतीजी चरित्र.
इसे
दक्षिण-हैद्रावाद निवासी र पन्नालाल जमनालाल रामलाल कीमती.
रा. नाना दादाजी गुंड के व्यापारी प्रेस पुणेमें
छपवाके प्रसिद्ध करी प्रथमावृती प्रत १००० मुल्य-सदुपयोग श्रीवीर संवत्सर २४३५. विक्रम संवत १९६६ इस्वी सन १९०९
छ इस पुस्तकको दीपकके प्रकाशमें, उघाडे मुखसे व वाजिंत्रके सहाय्यसें, इत्यादी अयत्नासें पढ़ना नहीं.