Book Title: Bhimsen Harisen Charitra Author(s): Amolakrushi Maharaj Publisher: Pannalal Jamnalal RamlalPage 58
________________ ( ५६ ) पल मोदी पू ॥ जो० ॥ १४१ ॥ जमाइ चिंते मन विषे, च्छनी ए दिसे छे छार तो ॥ कहे म्हारे हिवे न खपो, इम सु प थयो निराधार तो ।। अरे म्हारा कर्म किसा फिर्या, फिरतां छूटी स्यूं ती धार तो ॥ यया मोदी दुकानपे, बेठा कर पग हुवा ठंडा गार तो ॥ जो० ॥ १४२ ॥ काइ हुयो, नृप कहे मुज राख्यो नही जेय तो ॥ ब में जाउं म्हारे घरे, ढाल तरवार म्हारी मुज देय तो ॥ मोदी कहे मांगे किस्यो, रोटी खाइ ति री उडावे खेय तो ॥ तुज शस्त्र हूँ जाणू नहीं, इम सुण राय नेणा नीर वेय तो ॥ जो० ॥ ॥ १४३ ॥ सेठजी मुजने मत ठगो, महा दुःखीयारो गरीब हूं मेय तो ॥ फक्त आधार छे तेहनो, निर्दय होइ खोसी मत लेय तो || मोदी कहे जा तूं परो, सत्र धिक्कारन लग्या नृप नेय तो ॥ रायPage Navigation
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