Book Title: Bhimsen Harisen Charitra
Author(s): Amolakrushi Maharaj
Publisher: Pannalal Jamnalal Ramlal

Previous | Next

Page 90
________________ कर पग तो पतला नया, मेखोन मेख रह्या तात जोय तो॥ दुःख सहु याद अावीयो, बालूडा रह्या चौधारा रोय तो ॥ पुरपत पुछे माता किहां, ते कहे पटेलने घर सोय तो ॥ शु० ॥ ॥ २२२ ॥ दो दिन काम करत हुया, अजुतांइ नही दियो रोटोय तो ॥ तिसरो दिन आदो गयो, माताजी रह्या तन विगोय तो॥ फजर हमने कह्यो हुँतो, अाज अापस्युं खावाने तोय तो॥ काम पूरो हुयो नही दिसे, ले बेठी छे तेह पीसणोय तो ॥ शु० ॥ २२३ ॥ काम हुया रोटो लइ, अब्बी प्राप्ती इहां जीमावा मोय तो॥ दो दिनका में नूखा अछां, इम दयामणा शब्द रह्या ते चोर्यं तो ॥ करुणा आइ सहुने मने, राज कुंवरांकी गती कैसी होय तो ॥ नटे सुखड़ी लाया १ पिता. २ विनय सेण. ३ कष्टसहे. ४ बोल. ९ नोकर .

Loading...

Page Navigation
1 ... 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126