Book Title: Ayodhya ka Itihas Author(s): Jeshtaram Dalsukhram Munim Publisher: Jeshtaram Dalsukhram Munim View full book textPage 8
________________ [ घ ] अयोध्या पास हुवा तब से हुई थी मगर साधन न मिलने पर लाचार था और पुस्तक लिखने का मेरा प्रथम प्रयास था इस तीर्थ में नौकर होने पर मेरी प्रेरणा प्रबल हुई देवगुरुकी कृपा से प्रथम तो गुजराती भाषा में छोटी सी किताब लिख दो जिलको सेठ कस्तूरचन्द त्रिभुवनदास को धर्मपत्नी बाई चल की तरफ से छपवाने का प्रबन्ध होगया और अहमदा. बाद मद्धे वाईवीजकोर वाईने १००० एकहजार कांपी छपवा दिया वो खप जाने पर इसका प्रमाण भूतइतिहास लिखने का शुरू किया, कईएक जैन ग्रन्थों का बौद्ध ग्रन्यों का और गुजराती पुस्तकों का मनन किया खासकर स्व० लालासीताराम वी० ए० का लिखा हुवा "अयोध्या का इतिहास" का सहारा मिला साथ में अवध गेझेटियर की शोध करके पुस्तक पूरा कर दिया मगर छपवाने के लिये कोई श्रावक श्राविका ने मदद नदी, कुछ भी सहायता न मिली। पुस्तक छपवाने में मेरा कोई स्वार्थ नही है जैनधर्म की तीर्थकी सेवाकी खातर शासन धर्म के प्रचार की खातर किया है पुस्तक की कीमत वसूल होजाने पर जो रकम बचेगी जिसकी गुजराती कोपी छपवायेंगे और उसका हिसाब भी बाहर पड़ेगा और जो भाई वहिन मदद करने उसका भी नाम छप जायगा ।Page Navigation
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