Book Title: Ayodhya ka Itihas
Author(s): Jeshtaram Dalsukhram Munim
Publisher: Jeshtaram Dalsukhram Munim

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Page 19
________________ मयोध्या का इतिहास। अयोध्या माहात्म्य । कलिकाल सर्वंश भगवान् श्रीमद हेमचन्द्रोचार्य कृत- “त्रिषटिशलाका पुरुषवरित्र प्रथमपर्व, सर्ग २, श्री आदीश्वर चरित्र स उद्धृत । विनीता साध्वमी तेन विनोताख्यां प्रभो परीम् । निर्मातुश्रीदमादिश्य मघवात्रिदिवं ययौ ॥११॥ बादश योजना यामां नव योजनबिस्तृताम् । अयोध्येत्यपराभिरख्यां विनोनां सोऽकरोत्पीम्११२ तां च निर्माय निर्मायः पूरयाणस यक्षराट । अक्षय्यवस्त्र-नेपथ्य-धन-धान्य निरंतर ॥९१३॥ अयोध्योनाम तत्रास्नि नगरी लोक विश्रना । मनुना मानवेन्द्रण परैव निमिता स्वयम् ॥ अायता दशच.दूय योजनानि महापरी । श्रीमती त्रीणि विस्तोर्णा नानो संस्थान शोभिता । -बाल्मो०- रा०- बा - का० । परमधिशदयोध्या मैथिली दर्शनीनाम | -रघुबंश १० सगे ७६ श्लोक।

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