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अयोध्या का इतिहास
बनवा कर " नन्दू राजा केतुमद्रकी स्थापित प्रतिमा चैत्यालय में स्थापित की । अरिहंत मन्दिर बनवाया और गुफा में उची कलिङ्गचक्रवर्ती राजो खारवेल के त्रयोदश वर्ष व्यापी रोजत्व के विवरण वाला शिलालेख खुदवाया जे। लिपि अर्धमागधी जैन प्राकृत लक्षणों से युक्त अपभ्रंश भाषा मे है । बाद में अपने को दोमराज, भिक्षुराज धर्मराज घोषित करना |
इ. स. पूर्व १५४ में युनानी राजा मीनान्दर भारत पर आक्रमण किया और पुष्पमित्र से मीनान्दर का कठोर युद्ध हुवा जिसमें युनानी राजा को अपने देश भागना पड़ा जिसका उल्लेख पतञ्जली ने अपने योग सूत्र में दिया है
इ- सनकी १ ली सदी में गुप्तराजायें मगधदेश से भाग कर मध्य प्रान्त मध्यभारत में होकर पश्चिमभरतमें आये और वहां के छोटे २ राज्यों को जीतकर बल्लुमिपुर में राजशानी बनाया जो इ-स-१२० से ४१० तक राज्यचलाया | मगध-पूर्व उत्तरभारत के राज्यों में गढ़बड़ी पड गई वर्मो में आपस में झगडो हुमा प्रभु को प्रसन्न न हुआ कुछपती कोपहुमा विहार में १० दस सालका दुष्काल पडा बरसात बुन्द्र भर न माया वौद्ध जन धर्मी राज्यकर्ताओं का भाग जाने से दुष्काल पडने से साधु विहार में बाधाये पड गई और