Book Title: Ayodhya ka Itihas
Author(s): Jeshtaram Dalsukhram Munim
Publisher: Jeshtaram Dalsukhram Munim

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Page 55
________________ [ 8 ] अयोध्या का इतिहास वनवाया और चरण स्थापित किये यहां पर लिखने की जरूरत है कि शाह एक छोटी सी सेना लेकर इस तरफ. आया और सनातनियों की कोई हानि न पहुंची और जैन धर्म पर इस का वार क्यों हुआ ? जिसका कारण यही मिलता है कि जैन लोगों को सनातन धर्मियों से कुछ सहायता नमिली मौर हिन्दू जो जैन मन्दिर का घण्टा सुनना पातक समझते थे वो लोग जेन मन्दिर नष्ट होने पर खुश हुये इ० स० १५२६ में बाबर ने हिन्दुस्तान पर चढ़ाई दो वर्ष बाद अयोध्या मे ई० स० २५२८ मे खास श्रीरामचन्द्रजी का जन्मस्थान ( जिसको महाराज विक्रमादित्य ने बनवाया था ) वो तोड़कर मसिजद घनवाई जो खंभे कसोटी के थे जिसमे से दो स्तम्भे फाटक पर लगे हैं दो दिल्ली लेगये दो प्रजायवघर फैजावाद में हैं दो वशिष्ट कुण्ड सड़कको पूर्व कारिस्तानमें उजडे पडे हैं : इ० स० १७३१ मे दिल्ली के बादशाह ने नये मन्दिर मसजिद बनवाया तव से लखनऊ की नवावी शुरू हुई और नवाब शुजाउद्दौला ने उसे परिवर्धित कर फल = अवध गेझेटिय बोलगुन १- पृट १३काइतिहास पृष्ट १०६ फारसी ग्रन्थ दृरवाहस्त अयोध्या

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