Book Title: Ayodhya ka Itihas
Author(s): Jeshtaram Dalsukhram Munim
Publisher: Jeshtaram Dalsukhram Munim

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Page 38
________________ अयोध्यो का इतिहास । दिग्विजयकी थी-जहां दिलीप जैसे महाराजा ने युनानतक सर हद बढ़ाया था। जहां पर राजा भगीरयजी ने अपनी प्रतिज्ञाके बल गर माकाश गङ्गा को हिमालय से पृथ्वी पर मारोहण किया था और इसी भूमिपर आदर्श गमचन्द्रजी ने मगज्य स्थापन किया था तब तक अयोध्या जी अमगपुरो सभ रही। अयोध्या पर विपत्तिा श्रीगमचन्द्रजा को रामलीला मरण के बाद हो अयोध्यापर विपत्ति आई कौशलराज्य के दो भाग हुये । श्रीरामचन्द्रजी के ज्येष्ठपुत्र कुशजी ने अपनी राजधानी कुशभवन पर ( कोशाम्बी ) बनाई जो अयोध्या से दक्षिण में २० कोसको दूरी पर गोमतो के किनारे बनाई और कनिष्ठपत्र लवजी ने अपनी राजधानी अयोध्या से उत्तर नेपाल की तबई में राप्ती और सिरगी नदी के बीच में श्रावस्ती नगरी बनाई जो तुषारन और नैमिषारण्य तक विस्तृत थी कुछ काल बाद इस अयोध्या मे कोई राज्य कतो न रहा यजा के विना राजधानी कैसी ? अयोध्या थोड़े ही दिनों पीछे आपसे आप भी हीन होगई अयोध्या के दुर्दशा के समा-- चार सुनकर महाराज कुश फिर अयोध्या आये और

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