________________
श्री वीतरागायनमः ।
अयोध्या का इतिहास।
-
:*:*:*:*:*:*:
प्रथम सर्ग ( आदि-काल ) ream
तीर्थ-वन्दना। ॐ नमः श्रीतीर्थराजाय सर्व तीर्थमयात्मने । अहे ते योगिनाथाय, रूपातोतायतायिने ॥ १ ॥
सर्व तीर्थमय जिसका स्वरूप है ऐसें थ्रीतीर्थराज को परम योगीश्वर देहातीत और विश्वाता ऐसे अरिहंत परमात्मा को नमस्कार हो।