Book Title: Ayodhya ka Itihas Author(s): Jeshtaram Dalsukhram Munim Publisher: Jeshtaram Dalsukhram Munim View full book textPage 7
________________ ॐ सन्तव्य * परिवर्तनशील संसार अपने बलपर आगे बढ़ता जा. रहा है। पुसतत्ववेत्तामों की खोजसे प्राचीन नगरियों के खण्डहरों में से निकलते प्राचीन अवशेष, शिलालेख, स्तुप, कार्ति स्तम्भ मूर्तियाँ दानपत्रों के ऊपरसे, शिक्का, महोरसे, नगरियों के राजामों का राज्य कालकी शोध मिलती जारही है। सारनाथ, गजग्रही नालन्दा, तक्षशिला, मोहनजोडेरो, उसके प्रत्यक्षप्रमाण हैं जिस से इतिहास में भी नया प्राण आरहा है, साहित्य और इतिहास का विषय एक ऐसा है कि जिसमें कुछ न कुछ नया देखने को विचारने को मिलता है। अयोध्या भी एक जगत को प्राचीन नगरियों में से एक अजोड़ नगरी है इस पवित्र भूमि में बैठकर का जैनधर्म के प्राचारियों ने शास्त्र, सूत्र रचे हैं ऐसी भूमि के तोर्थ का इतिहास लिखनेका साहस मेरे जैसे अल्पज्ञ ने किया है वोभी हिन्दी में, मेरी मातृभाषा गुजराती है अभ्यास चार किताब का है मगर अयोध्या का इतिहास लिखने की प्रेरणा मेराPage Navigation
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