Book Title: Agamsaddakoso Part 2
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agamdip Prakashan

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Page 417
________________ ૪૧૬ ३४१,३४४ थी ३४८, ३५०, ३५१, ३५५, ३५७ थी ३५९, ३९०,४००, ४०४, ४०७, ४२३, ४२६,४३७,४३९ थी ४४१, ४४७, ४५०, ४५२,४५५,४५८,४५९, ४७३, ४९५, ४९९ थी ५०२,५०४, ५०५,५१० थी ५१२, ५१६ थी ५१८,५२०,५२१, ५४१,५४५, ५४६,५५५, ५६१,५६४,५६६, ५७१, ५७२, ५७५, ५७७, ५८० थी ५८३,५८६, ५८७, ५९७, ५९८,६००, ६०८,६१०,६११; जंबू. ४४, ४९; दसा. ४९ थी ५२; वव. २४९,२५०; दस. ३२; उत्त. १११७; अनुओ. १५०, १६१,२७०,२८८,२९८,२९९; तिरिक्खजोणिय [तिर्यग्यौनिक ] तिर्यय-पशुપક્ષી આદિ સંબંધિ दस. ३७; तिरिक्खजोणिय असण्णिआउय [ तिर्यग्योनिकासंज्ञ्यायुष्] संज्ञि तिर्यय योनि लवोनुं આયુષ્ય भग. ८५७; तिरिक्खजोणियत्त [ तिर्यग्योनिकत्व] तिर्यंय योनि પશુપક્ષીપણું ठा. ३९८; उव. ३४; पन्न. ४३७; तिरिक्खजोणियत्ता [तिर्यग्योनिकता ] तिर्यय યોનિકત્વ भग. ५५१; जीवा. ३४२, ठा. ७८, ३९८, ४०४; तिरिक्खजोणियदुग्गइ [तिर्यग्योनिकदुर्गति] तिर्ययયોનિરૂપ દુર્ગતિ Jain Education International ठा. २४९; तिरिक्खजोणियाउय [ तिर्यग्योनिकायुष्] तिर्यय आगमसद्दकोसो યોનિક જીવોનું આયુષ્ય पन्न. ५०८, ५४१ थी ५४३; अनुओ. १६१; तिरिक्खत्तण [ तिर्यक्त्व] तिर्छाप उत्त. १९४; तिरिक्खपंचेंद्रिय [तिर्यक्पञ्चेन्द्रिय] तिर्यय પંચેન્દ્રિય-જીવવિશેષ पण्हा. ८; तिरिक्खभूत [ तिर्यग्भूत] पशु समान पन्न. ५०८; आया. ३३७,४९४; तिरिक्खजोणियउद्देसय [ तिर्यग्योनिकोद्देशक] तिरिच्छसंपाइम [तिर्यक् सम्पातिन्] तिर्छुयासनार તિર્યંચયોનિક સંબંધિ ઉદ્દેસો पण्हा. १६; तिरिक्खाउ [ तिर्यगायुष्] तिर्ययनुं खायु उत्त. १३६९; तिरिच्छ [तिर्यच्, तैरश्च] तिर्यय, तिर्छु आया. ९६,३५४, ४४८, ४५२, ४८३, ४८८; पण्हा. ४१ ; उत्त. ५०८,७८८; तिरिच्छगति [ तिर्यग्गति] तिछगति चंद. ३५; सूर. ३१; तिरिच्छछिन्न [तिरश्चीनछिन्न ] तिर्छु छेहेतुं जेवुं दसा. २३; दस. ८३; उत्त. १४२६, १४२७, १४२९, १५१४; नंदी. ८४, १५४; तिरिय [तिर्यच्] तिर्यय- पशुपक्षी वगेरे, तिर्छुमध्य, तिर्छासोऽ-मध्यलोड, तिछ दिशा आया. ४२,४३,९५, १०६, १३८, १४६,५२०; सूय. १२५, २१०,२४४, ३१०, ३५५, ४७४, ५०७, ५९३,६४१,७५१, ७६८; ठा. १७६,२२७,७८१, ७८३,७९९, ८०५, ९५३, ९९४; सम. ४२, २२०, २२७, २३२, २४१,२४६,२५४; भग. ६९, ७८, ८५, ८६, १४०, १५२, १५५, १५९, १७०, १७२, १७३, १७५, २२५, ४२१, ४४९,५८६, ६४५, ६८७, ८०१; For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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