Book Title: Agamsaddakoso Part 2
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agamdip Prakashan
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૫૨૨
१३१६,१३२७,१३२९, १३४०, १३४२;
दुहिय [दुःखित] छु:मी, શોકગ્રસ્ત
नाया. ४५, १६८;
तंदु. २६;
उत्त. २३८,६८५, १२७७, १२९०,१३०३,
१३१६,१३२९,१३४२;
दुहिया [दुहिता ] sरी
गच्छा. ८४, १३१;
दुहिल [हिल] द्रोह ४२नार
पण्हा. ३६;
उत्त. ३३६;
दू [दू] विहार रखो, उपताप वो
पण्हा. ११;
दूइ [दूति] खो 'दूई'
पिंड. ४४१ ;
दूइज [प] विहार डरतो, वियरतो
तंदु. २८;
आया. १७२,३३८;
निसी. ६९;
दूइज्जत [द्रुयमाण] विहार वो ते
उव. २१; पण्हा. ४५; निसी. १००, ६४७, ६४८, १३३८; दूइज्माण [द्रूयमाण] विहार पुरवोते, वियरता आया. १३९,३३८, ३५३,३५८, ३८४, ३९४, ३९५,४४०,४४८ थी ४५२, ४५७ थी ४५९, ४६१ थी ४६५, ४८३, ४८५, ४८८, ४९७; सूय. २००;
नाया. ४,२९,४०,५३,६४,६७ थी ६९, १८२,
२१६,२२०;
उवा. २,५,२०,२६,२९,३२,३४,३७,३८,४३,
अंत. २७,
विवा. १,५,३७,
४९,५७,५८,
अनुत्त. ११;
उव. १०,११,२७,२८,
राय. ५३,५४, ५८, ५९;
जंबू. ८१ ;
निर. २, ७
पुष्फि. ५,८;
वहि. ३;
निसी. ९७,१८५,३०२, ४६८, ५३५, ५७१,
७१७,९७०, १०५६, ११७५:
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वव. १०५, १३७, १८०, २००; दसा. ९५,९६,९९;
इज्जित्त [ द्रवितुम् ] वियरवा भाटे,
ठा. ४५१:
दूइज्जित्ता [द्रुत्वा ] विहार रीने
बुह. १३५;
सूय. ८०३;
दूइपलास [दूतिपलास] खेड उद्यान विवा. ११,१२;
आगमस कोसो
दूइपलासय [दूतिपलाशक] खेड उद्यान उवा. ५,१० थी १२,१७,१८; विव. १३;
अंत. ३४;
दूई [दूती] ४ासुस स्त्री, आहार विषय सोज દોષમાંનો એક દોષ
पिंड. ४६३;
दूतिपलासय [ दूतिपलाशक] खेड उद्यान
दसा. १६;
दूतिपिंड [दूतिपिण्ड ] गृहस्थने संदेशो पहींयाडी આહાર પ્રાપ્ત કરવા રૂપ એક ગૌચરી સંબંધિ દોષ
निसी. ८४९;
दूभग [ दुर्भाग] जो 'दुभग'
नाया. १५८,१६०;
दूभगनाम [दुर्भगनामन् ] नाम अर्मनी खेड प्रद्धृति જેના ઉદયે દૌર્ભાગ્યપણું પમાય
पत्र. ५४०, ५४१;
दूमक [दावक] हु: आपनार
पण्हा. १२;
दूमण [दावन ] हु: ते
पण्हा. ८, १६;
दूमिय [ धवलित ] घोणुं रेल,
नाया. १२;
चंद. २०१;
दूमिय [दून ] : २ ते निर. १३,१५,
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सूर. १९७;
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