Book Title: Agamsaddakoso Part 2
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agamdip Prakashan
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૫૩૨
देवसमुद्दग [देवसमुद्रक] खेड समुद्र
जीवा. २१७; देवसयणिज्ज [ देवशयनीय] हेवोनी शय्या
राय. ३७,३८,४०,४४,८१;
जीवा. १७६ थी १८०,१८७,१९१,२०८; पुष्फि. ३,७ थी ९;
पुप्फ. ३;
देवसयसहस्सीर [देवशतसहस्रेश्वर] भेडसा દેવતાના સ્વામી
जंबू. ९३; देवसिणात [ देवस्नात] देवश्रेष्ठ
ठा. २६२; देवसिणा [देवस्नात] देवश्रेष्ठ सूय. ६६४;
देवसिय [ दैवसिक] [हिवस संबंधि
नाया. २५,७१, १४९; आउ ११;
गच्छा. ११८;
ओह. ६३६,९७२;
जीय. १३,५४,
आव. १०, १५, १७,१९,३३,३८;
देवसिय डिक्क मण [ दैवसिकप्रतिक्रमण] हिवस
સંબંધિ પ્રતિક્રમણ
नाया. ७१;
देवसोक्ख [देवसौख्य] देवतानुं सुख
उव. ३६;
देवाअभियोग [ आभियोग्य देव] खालियोगि દેવો, દેવતાની એક જાત
देविं. ९२;
देवाय [देवायुष्क] देवतानुं खायु
सम. १००;
पत्र. ५०८, ५३९ थी ५४३;
उत्त. १३६९;
अनुओ. १६१; देवाउयत्ता [देवायुष्कता ] हेवनुं आयुष्यपशु
ठा. ४०४; देवातिदेव [देवातिदेव ] हेवाधिदेव-तीर्थं४२
ભગવાન
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आगमसद्दको
ठा. ४३५;
देवाधिदेव [देवाधिदेव ] हेवाधिदेव-हेवोना पांय ભેદમાંનો એક ભેદ
भग. ५५४,५५८;
देवानुपुब्विनाम [ देवानुपूर्विनामन्] नामर्मनी એક પ્રકૃતિ જેના ઉદયથી જીવ સીધો જ દેવગતિમાં જાય
सम. ६२;
देवानुभाग (देवानुभाग) हेवनुं सामर्थ्य
नाया. २२०,
राय. ४७;
जंबू. ९०; देवानुभाय [देवानुभाग ] हेवनुं सामर्थ्य
नाया. २२०;
देवानुभाव [देवानुभाव] हेवनुं सामर्थ्य
सम. १४;
उवा. २७;
जंबू. ६७,७३,९०,९६,२२९;
पुष्पि. ७,८;
देवासुर [देवासुर] वजने असुर
नाया. १४५,२००;
भग. ७४६;
देवासुरसंगाम [देवासुरसङ्ग्राम] देवाने असुरनो संग्राम-युद्ध
भग. ७४६;
देवाहिदेव [देवाधिदेव] दुखो 'देवातिदेव' सम. ५४;
देवाहिय [ देवाधिप] देवतानो अधिपति-हेंद्र
सूय. ३८०;
देवाहिव [देवाधिप] दुखो 'पर' जंबू. २३९;
Zanfeas [tenterafa] qvil ‘(uz'
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सूय. ३५९;
देविंद [ देवेन्द्र ] हेवोनो ईन्द्र
आया. ५२०,५३२:
ठा. १२७, १४२, १६२, २१४, २७४, २८७, ३२९, ३४६, ४३८,४३९,५५६, ५५७, ६७४, ६७५,
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