Book Title: Agamsaddakoso Part 2
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agamdip Prakashan

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Page 539
________________ પ૩૮ आगमसद्दकोसो दोग्गइ [दुर्गति] ५२९ गति, न२ गति || ठा. ९९,४२८,४५५,८१७; उत्त. १९६,२०९,२८१,१११७; नाया. ३३,१५१,१६५,१७४ थी १७६,१८५; दोग्गइगामि [दुर्गतिगामिन] हुतिमनार अंत. १३; सूय. ८०४; पण्हा. १५,१९,२१,२४,३८,४५, दोग्गइपंथदायग [दुर्गतिपन्थदायक हुतिनो विवा. ३७, उव. ३२,४४,५१, માર્ગ દેનાર राय. ४७; पन्न. १६२ गच्छा. ४३; जंवू. ३७,४९,६१,६८,६९,१०७,१२१,१२२, दोग्गति [दुर्गति] शुभी 'दोग्गइ' १२४; पुष्फि. ८; ठा. ४२५; निसी. ३४९,७६५,१३०१; दोग्गतिगामि [दुर्गतिगामिन्] [तिभा नार वव.३३,१०३,१०४; ठा. २३५; दसा. १०१, उत्त. १२०४; दोच [दौत्य] तपy अनुओ. २३५,३१०; नाया. ८६,८९; दोणमुहपह [द्रोणमुखपथ] ६२ हानो मार्ग, दोच [द्विस्] वत જળ-સ્થળ યુક્ત માર્ગ नाया. ३३; विवा. ९ थी ११, निसी. ७६८,१२५२; १४,१५,१८,१९,२५,३१; दोणमुहमह [द्रोणमुखमह] ६२ हानोमहोत्सव दोचसमोसरण [द्वितीयसमवसरणाली 'समव- निसी. ७६६,१२५०; સરણ” दोणमुहवह [द्रोणमुखवध] ६२it पासे हिंसा बुह. ९४; निसी. ७६७,१२५१; दोज्झ [दोह्य] दूध हेत दोणी [द्रोणी] नौ, नाव आया. ४७२; पण्हा . ७; दोण [द्रोण] मे भा५, विशेष नाम || दोणीय [द्रोणिक] मे भा५-विशेष नाया. १७० अनुओ. २५३; अनुओ. २५९; दोणपाग [द्रोणपाक] द्रो प्रमा॥ धान्यना दोण्हं [दोण्ह बनने બનેલ રસોઈ आउ. ६५,६६, अनुओ. ३०४; दोधार [द्विधार] धारवाणु दोणपाय [द्रोणपाक] हुमो 6५२ टा. ५०५; अनुओ. २३७; दोधारच्छेयण [द्विधारच्छदत] अंधारी तलवार दोणमारी [द्रोणमारी] 'द्रोमां' थयेट भ२.४ વડે છેદવું તે भग. १९५; ठा. ५०५; दोणमुह [द्रोणमुख] २ist दोफग्गुणी [द्विफाल्गुनी] गुनी पूर्वाआया. २३५,२३९,३४७,३५१,३८४,३९८, ફાલ્યુની, ઉત્તરાફાલ્વની નક્ષત્ર ४४६,४६०,४६३,४८९,४९७; अनुओ. २४१; दोब्बल [दुर्बल] हुणा, मनेरी सूय. ६५३; | पिंड. ४५; Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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