Book Title: Agamsaddakoso Part 2
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agamdip Prakashan

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Page 548
________________ (सुत्तंकसहिओ) ५४७ धम्ममाण [मायमान] धमतो, तो आया. १२६,१५२; नाया. ११३; उवा. २४; सूय. २० थी २५,६३२,६४७; धम्ममित्त [धर्ममित्र धर्म-मित्र, धम्मविनय [धर्मविनय धर्मनुपालन सम, २७२,२९०; बुह. १२८ थी १३०; धम्मय [धर्मक] यार अंगुसनो स्तना | धम्मविनिच्छय [धर्मविनिश्चय] धर्मनो निश्चयआया. ४७; નિર્ણય धम्मरयण [धर्मरत्न धर्म३पी रत्न ठा. २०२; संथा. १८ धम्मविदु [धर्मवित्] धर्मनार धम्मइ [धर्मरचिधनी थि, नमुनि आया. १४७; ठा. ९६३ नाया. १५९,१६०; धम्मविरुद्ध [धर्मविरुद्ध] अधर्म३५ विवा. ४६; पत्र. १७६,१८७ | चउ. ५४; उत्त. १०९१,१०९२; धम्मवीरिय [धर्मवीर्य] धर्ममा पुरुषार्थ धम्मुरुक्ख (धर्मरक्ष] धर्भवृक्ष | विवा. ४५; पन्न. ७१; धम्मविसय [धर्मविषय] धर्मनो विषय धम्मलद्ध [धर्मलब्ध] धनी प्राप्ति नाया. ९३; सूय. ४०१; धम्मसण्णा [धर्मसंज्ञा धनी संश। धम्मलाभ [धर्मलाभ] धनी दान-थामी ठा. ९२९; पण्हा, १६; पिंड, ५२१; धम्मसद्धा [धर्मश्रद्धा] धर्मनी श्रद्धा धम्मलाभफल [धर्मलाभफल] धर्म-आय२र्नु उत्त. १११२,१११४,१११६; ફળ धम्मसमुदायार [धर्मसमुदाचार] धर्मनसभायीन तंदु. १५८; આચરણ धम्मलेसा [धर्मलेश्या धर्मभारत मनोपरिणाम सूय. ६७०,६७१,८०४; उव. ५१; उत्त. १४३९; धम्मसरीर [धर्मशरीर] धर्मपरित शरी२ धम्मव [धर्मवत् धार्मि, धर्मवाणो महानि. १३८४; आया. १११; धम्मसरण [धर्मशरण] धर्म- १२९॥ धम्मवर [धर्मवर श्रेष्ठ धर्म चउ. ४२,४६, आव. १४; जंबू. ४३,२२७; धम्मसारहि [धर्मसारथि] धर्म३५२थने धम्मवरचक्क वट्टि [धर्मवरचक्रवर्तिन] धर्भमा श्रेष्ठ ચલાવનાર, તીર્થકર ચક્રવર્તિ સમાન, તીર્થંકર सम.१%B राय. ५: दसा. ५३; जीवा. १८०; जंवू. २२७; धम्मवरचाउरंतचक्कट्टि [धर्मवरचतुरत्नचक्रवर्तिन] | उत्त. ५३६; ચાર ગતિરૂપ અંત જેને છે તેવા સંસારને | धम्मसासण [धर्मशासन] धनु शासन જીતનાર, તીર્થકર दस. ५२३; नाया. ५, उव. १२; | धम्मसीलसमुयाचार [धर्मशीलसमुदाचार] धर्मधम्मविउ [धर्मवित्] भने नार શીલનું ઉચિત આચરણ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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