Book Title: Agamsaddakoso Part 2
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agamdip Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 531
________________ પ૩૦ आगमसद्दकोसो ठा. २६२ जंबू. ८१; देवपडिक्खोभ [देवप्रतिक्षोभ] हेक्ताने मोम || देवमहाभद्द [देवमहाभद्र] हेवद्वीपनो विपति પમાડનાર-તમસ્કાય जीवा. ३०० भग. २९१; देवमहावर [देवमहावर] हेव नमन। समुद्रनो देवपरिसा [देवपरिषद् हेवोनी सत्मा અધિપતિ દેવ आया. ५३२; उव. ३४; जीवा, ३००, राय. २०; देवय [देवता] विता, हे देवपलिक्खोभा [देवपरिक्षोभा] हुमी 'देव-| पन्न. २२५; जंबू. ३०१,३३३; पडिक्खोभ' देवय दैवत] हेव संजाध, विस्१३५ ठा. ७३४; सूय, ८०६; ठा. १९०,३२५; देवपवेसणय [देवप्रवेशनक] हेवगतिमा प्रवेश सम. २२६; नाया. १४,२५,६१, કરનાર જીવ ६२,७३,१४७,२१८,२२०; भग, ४५३; उवा. ५,१०,२०,२९,३२,३४,३७,४२,४३, देवपव्वत [देवपर्वत में पर्वत ४६,४९,५७,५८; ठा. ९६,३२१,४७२,७४९,९९१; अंत. २७; विवा. ५; देवपबय देवपर्वत पर्वत उव. २,२७,५०; जंबू. १८७; राय. ७,८,१७,३६,४१,५४,५७,६१,७७; देवपुरोहित देवपुरोहित] हेवोभा पुरोहित ३५-|| जीवा. १७६,१७९; सूर. १२६; એક દેવ વિશેષ चंद. १३०; जंबू. ४४,७६; ठा. २६२; निर.. ७,१५; वण्हि . ३; देवफलिह [देवपरिघ] हेपने मोगण ३५-|| दसा. ९९ તમસ્કાય વિશેષ, આઠ કૃષ્ણરાજીમાંની એક देवयभूय [दैवतभूत] ४११३५ भग. २९१; नाया. ९१,२११; देवफलिहा [देवपरिघा) हुमो ७५२" देवया [देवता] हेवता ठा. ७३४; ठा. ८८,२११,५७३; देवभूय [देवभूत] विस्१३५ नाया. ८७,११२,१३४; पण्हा. ३६; भग. १२३; उव. ५०; . सूर. ५६; देवभद्द [देवभद्र] हेवीपना धिपति चंद. ६०; जीवा. ३०० जंवू. ६९,८०,१३०,१४१,१८०,१८४,२५९; देवभव [देवभव] हेवनोमव ओह. २५,२७; भग. ११२; दस. ५०९; उत्त. १९९; देवभवत्थ देवभवस्थ] विममा २३ अनुओ. २३८,२४४; भग. ३९२; देवर (देवर] हीयर देवमइ [देवमति हेवनी बुद्धि अनुओ. १३०; वव Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560 561 562