Book Title: Agamsaddakoso Part 2
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agamdip Prakashan
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૫૨૮
आगमसद्दकोसो
उत्त. १२६५;
ठा. ५०४; देवगइ [देवगति हेव-ति, नामभनी में || जंवू. १२,२०,४०,४७,४८,५३; પેટા-પ્રકૃતિ
देवच्छंदग [देवच्छन्दक] [डनेश्वर भगवंतनुं आया. ५२०;
આસનવિશેષ, દેવમૂર્તિ બિરાજમાન કરવાની भग. १६१,१७२,१७३,२९१,२९४,५११, પીઠ ५५४,९१३,९४५;
जीवा. २९४; जंबू. १९४; नाया. ८७,९८,११२,११६,१२४,१२५,१७५; देवच्छंदय देवच्छन्दक] 6५२' राय. ८,१०,१७,४२,
आया. ५२०; राय. ३९,४४; जंबू.४६,६७,७३ थी ७५,८४,९६,१०३,२१४, जीवा. १७७,१८०,१९१,२९४; २२९,२४४;
जंबू. १४,१४३,१५१,१९४; उत्त. १९५;
देवजीवणिज्ज [देवजीवनीय] हैवीवन देवगइय [देवगतिक/वितानी गति-प्राप्त ४३८ || सूय. ६६४; पन्न. ४०७;
देवजुइ [देवद्युति] हेवनी sild देवगई [देवगति] शुमो ‘देवगइ'
सम. १४;
राय, २२,२३,२५; संथा. ९६;
जंबू. ६७,७३,९०,९६; दसा. १७; देवगण [देवगण] हेवोनो समूह
देवजुति [देवद्युति] हेवनी ila राय. ५५,६६,८०; जीवा. ३३७; राय. ३०,३४,५०,८१; देविं. १६७;
जंवू. २२९, पुष्फि. ७,८; देवगणियत्त [देवगणिकत्व] ४वी३पे tuj| देवज्जुइ [देवद्युति] विना sila नाया. १६७;
नाया. २२०; उवा. २७; देवगति [देवगति हुमो ‘देवगइ'
राय. ४७;
पुष्फि , ८: ठा. ४८०,७४०,९५३;
देवजुती [देवद्युति] विन sila सम. ६२,२५२;
नाया. १४४; राय, २६; भग. ४४७,४५०,५५४;
देवट्ठाण [देवस्थान] हेवन स्थान पण्हा, ३३; जीवा. ९८,१३३,१७९; सम. ५४; पन्न. ३२७;
देवड्डि [देवर्द्धि] हेवनी द्धि देवगतिनाम [देवगतिनामना] शुभो ‘देवगइ' ठा. ९७५; सम. ६२;
जंबू. ६७,७३,९०,९६; दसा. १७; देवगतिपरिणाम [देवगतिपरिणाम] हेव-ति | देवडिपत्त /देवर्द्धिप्राप्त हेयतानीद्धिने पाभेट સંબંધિ પરિણામ વિશેષ
એવા पन्न. ४०७;
दसा. ५३; देवगतिय [देवगतिक] हेक्तानी गति संधि
देवत [दैवत] विY भग. ३९२; पन्न. ४०७; ठा. १३३;
उवा. ३०; देवगामि [देवगामिन्] विलोभ ना२
देवतमस [देवतमस्] विनो संघ२, तमस्य || ठा. ३१०;
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