Book Title: Agamsaddakoso Part 2
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agamdip Prakashan
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(सुत्तंकसहिओ)
दूय [दूत] संदेशो पहींयाउनार
नाया. १५,२५,८६,८८ थी ९३, १६९, १७०;
राय. ६७,७०,७१;
उव. ९,३१;
जंबू. ५६,७६, १२५,
निर. १५, १७, १८; दूयग [दूतक] दुखो '५२'
नाया. ८६;
दूर [दूर] दूर, खाघे, छेडे, मोक्ष
आया. १५४;
सूय. ४६, ११५, ४०१, ४०३,४९२;
सम. २४१;
नाया. ४१;
पण्हा. १५,१६;
राय. २७;
अनुत्त. १,१२;
उव. ५५;
जीवा. ३२४;
पन्न. २२६ थी २२८,२३४,४६०;
चंद. ३५;
सूर. ३१;
जंबू. २६३;
वव. २००;
दूरओ [दूरतस् ] हूरथी
दस. ८७,९१,२८३;
दूरंगइय [दूरंगतिक] सौधर्माहि विभानमांठनार,
દૂર જનાર
गच्छा. १०३;
उत्त. ९५३;
उव. ३४;
दूरंगत [ दूरंगत ] जूज हूर गयेल
भग. ३८०;
दूरंगय [ दूरंगत ] जूज हूर गयेस
नाया. ६२;
दूरंगतिय [ दूरंगतिक] दुखो 'दूरंगइय'
ठा. ७०२;
दूरंदूर [दूरदूर] खति दूर
नाया. १५७,१८५;
दूरगति [ दूरगति] अंथी गति,
भग. १२३;
दूरतराग [ दूरतरक] जति दूर
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पन्न, ४६०;
दूरप्पिय [ दे. ] ६२ ६२ झेंडावं महानि. ३०६;
दूरमूलं [दूरमूलम् ] नाहिनुं
भग. २१७;
दूरमोगाढ [दूरमवगाह ] धो नीये सुधी जवगारेस
ओह. १२३;
दूरसत्त [ दूरसत्व] अल्पसत्व
जीवा. ३०६;
दूरा [ दूरात् ] हूरथी
उत्त. १२४९;
दूरालइय [ दूरालगिक] भोक्षगामी
आया. १३१;
दूराहड [दूराहत] दूरथी सावेस
राय. ७५;
दूरुज्झिय [ दूरुज्झित ] हूरथी तभेल गच्छा. ५७;
दूरूवत्त [ दूरूपत्व] जेडोज३५ पशु जीवा. ३०६;
दूवण [दूरपनत] ६२ - उपस्थित, नो उपनय અઘરો છે તેવું દૃષ્ટાંત
सूय. १३७;
दूस [ दृष्य ] वस्त्र, ચાદર
आया. ३७७;
सम. २८५;
अंत. १३:
૫૨૩
उव. ३०;
जंबू. ३७,४३,४४,२५६, १२५;
दसा. ९८,९९;
उत्त. २७४,३६५,५१६:
अ.नंदी. १ :
दूस [दूपय] हूषित १२
सूय. ६४५, ६६५; नाया. ३२, ७५, ११०; पण्हा. ३८; जीवा. १८५३
सूय. ४९५;
दूसंतर [ दूष्यन्तर] जन्य वस्त्र
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