Book Title: Agamsaddakoso Part 2
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agamdip Prakashan

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Page 525
________________ ૫૨૪ आगमसद्दकोसो उत्त. ५१६; पन्न. ४६३; दूसण [दूषण] is दूसिय [दूषित] दूषित, घोषवाणु तंदु. १४३, नाया. १८३; महाप. ३५; दूसपट्टपरिपूय [दूपपट्टपरिपूय] वस्त्रना ५४थी || दे [दा] मापy ગાળેલ भत्त. २२; महानि. १६१; तंदु. ८६; देअड [दे.,तिकार] मे तनो शिल्या दूसमदूसमय [दुष्षमदुष्षमजामसपिएन। | अनुओ. २५१; છઠ્ઠા આરામાં જન્મેલ | देउल [देवकुल] विमुख, विहिर अनुओ. २३८; नाया. ६४,६७; दूसमदूसमा (दूष्षमदुष्षमा) हुमो 'दुस्समदुस्समा' || देउलिय [देवकुलिक भरिना संभारामनार ठा. ५०,१४५,५३५; सम. ५१; પુજારી भग. ३०७, जंवू. ४९,५०; ओह. १२७; दूसमय (दुष्षमज)अक्सपि नापांयम || देंत /ददता पितो આરામાં ઉત્પન્ન થયેલ अंत. १३; अनुओ. २३८; निसी. ४७,४८,२२३,२२५,२२७,२२९,२३१, दुसमसुसमय (दुष्पमसुषमज)अक्सपियन ३८६,३८७,५५४,५५६,६२४,६२५,७८७, ચોથા કે ઉત્સર્પિણી કાળના ત્રીજા આરામાં ८६८,८६९,९८० थी ९८२,९८४,९८६, જન્મેલ ९८८,९९०,९९२,९९४,९९६,९९८,१०००, अनुओ. २३८; १०७४,१०७६,१०७८,१०८१,१२३०, दूसमसुसमा [दुष्पमसुषमा] शुभो ‘दुस्समसुसमा' १२३१,१२९७; ठा. ५०,८९,१४५,५३५; देंतिय [ददत्] मापतो दूसमा [दूष्षमा हुमो 'दुस्समा' दस. १०३,१०६,१०७,११६,११८,११९, ठा. ५०,१४५,५३५; सम, ५१; १२१,१२३,१२५,१२७,१२९,१३३,१३५, भग. ३०७; जंबू. ४८,५०; १३७,१३९,१४७,१४९,१५४,१९०,१९२, दूसय [दूष्यक] वस्त्र १९५; वव. २४४,२४५, देज [देय हेवा योग्य दूसरनाम [दुःस्वरनामन्] नामनामेऽप्रति- विवा. ७; जीय. ६२,६७,६८, नाश अप्रिय सेवा प्राप्त थायते || देज्जमाण [दीयमान] आपते पन्न. ५४०,५४१; निसी. ८९३ थी ८९९,१२३२ थी १२३४,१२६१ दूसरयण [दूष्यरत्न] श्रेष्ठ वस्त्र थी १२६४,१२९२,१३२२ थी १३२८,१३३३ नाया. १५; उव. ३१; थी १३३६,१३३९: दूसह [दुस्सह] ६: रीसहन थाय ते देय (देय] हेवा योग्य भग. ४६५,५८७; सूर. २०९; चंद. २१३; दूसिं [दूष्य] त, छास. उत्त. ९७०; Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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