Book Title: Agamsaddakoso Part 2
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agamdip Prakashan
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(सुत्तंकसहिओ)
४७७
सूय. ६४१; ठा. २८८;
पण्हा . ४,८,११; विवा. ३१,३३; पण्हा. ४३,४५; उव. ४४;
सूर. ७९;
चंद. ८३; पन्न. ३७८,४६४, जंबू. ३४,३४४; जंबू. २८१,२८२ निर. १७; निसी. ४६९,५७८; बुह. ५८;
पुष्फि . ८;
भत्त, ५२; ओह. २४९; उत्त. ५५३,१२७१; निसी. ४७;
बुह. ७५; दहियण [दधिघन] डीनो पिंड
वव. ६३;
आव. ८,४५, नाया. ३७; राय. १५;
ओह. ५३;
दस. १२१,१३६; जीवा. १६४; पन्न. २०५,४६४; उत्त. १७९,३७०,३७६,७३६,९६८,१०७०; दहित्ता [दग्ध्वा] पाणीने
दाअ [दर्शय] हेमाडपुं, पताg जीवा. १८०; जंबू. ६०;
उत्त. १००,२१६; दहिमुख [दधिमुख] नहीश्वरद्वीपम मावेल || दाइज्जमाण [दर्शयमान] हेपतो પર્વત વિશેષ, ત્યાંનો દેવતા
जंबू. १२१,१२२; पण्हा. २३
दाइय [दे.,दर्शित] पाउदा दहिमुह [दधिमुख हुमो ७५२'
आया. ३९१; दस. २०६; ठा. ९१६;
जंबू. ४६; दाइय [दायिक] मायात,टुंबी दहिमुहग [दधिमुखक] शुभो “७५२'
नाया. ६६,२१५ अंत, १३,२०; ठा. ३२९;
उव. १४;
राय. ५४; दहिमुहपव्यय [दधिमुखपर्वत] पर्वत-विशेष || जंबू. ४३; जंबू. ४६;
दाइयसामण्ण [दायिकसामान्य मायात-मुटुंबीदहिवण्ण [दधिपणीभेनामनु वृक्ष थैत्यवृक्ष- || સાધારણ વિશેષ
नाया. ३२; ठा. ९३२; उव. ४;
दाइयसाहिय [दायिकस्वामिक] भायात जीवा. १७५, पन्न. ४५;
કુટુંબીનો સ્વામી-મુખ્ય વ્યક્તિ दहिवासुय [दधिवासुक] वनस्पति नाया. ३२; राय. ३२;
दाउ [दातृ] हेनार दहिवासुयमंडवग[दधिवासुकमण्डपक] 'घवा- | उत्त, ४३१; સુક' નામની એક વનસ્પતિનો બનેલો માંડવો दाउं [दातुम्] ११। माटे राय. ३२;
आया. ३६७; नाया. २८; दहिवासुयमंडवय [दधिवासुकमण्डपक] 6५२ उवा. १०;
अंत. १३; राय. ३२;
बुह, १२३
वव. ६३; दा [दा] हान २j, २५j
दाऊण [दत्वा] सोपान आया, ८७,३३९,३४३,३४६,३९०,४६५, पण्हा. ३५,३८; राय. ४४; ४८०,४८६;
जीवा. १८० जंबू. २४१; सूय. १८९; ठा. १७३,५०२; संथा. ७६; नाया. ४६,७५,९३,१४८,१६४; || दाओयरिय [दाकोदरिका] ४८६२नरोगवाणो
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