Book Title: Agamsaddakoso Part 2
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agamdip Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 513
________________ ૫૧૨ आगमसद्दकोसो दुन्भिसद्दत्त [दुःशब्दत्व] शुम श६५j दुमण [दवन] ७५तायन, परिताप सापको जीवा. ३०७; पण्हा. ११; दुब्भूय [दुर्भूत शयारीनिंघ दुमण [धवलन] धोमुं:२j, युनो धोवो भग. १९५; जीवा. १८५; पण्हा. ३८; जंबू. ३७; उत्त. ५५५; दुमपत्तय [द्रुमपत्रक] 'उत्तरयस' सूत्रनु दुभग [दुर्भग] असो 'दुब्भग' અધ્યયન पण्हा. १२; सम. ११२; उत्त. २९१; दुभगनाम [दुर्भगनामन्] शुभो 'दुब्भग' दुमपुष्फिया (द्रुमपुप्फिका] 'सयालियर सम. ५५, સૂત્રનું એક અધ્યયન दुभागपत्त [द्विभागप्राप्त] २ मा प्राप्त थयो ओह. ६५०; दस. १; છે તે, અડઘો આહાર મેળવનાર दुमासपरियाय [द्विमासपर्याय] ने बे भासनो वव. २०२; દીક્ષા પર્યાય છે તે दुभागपत्तोमोदरिय द्विभागप्राप्तावमोदरिक]60- । उव. १४; દરતપ-વિશેષનો એક ભેદ, જેમાં અડધો | दुमोक्ख [दुर्मोक्ष हुरीने छोडी शयते આહાર-સોળ કવલ આહાર મેળવેલ-મળેલ सूय. ५४८; હોય તે दुम्मइ [दुर्मति] हुटमति, ५२बुद्धि उव. १९; सूय. ४८; दस. २१४; दुभागमंडल [द्विभागमण्डल] अभी दुम्मण [दुर्मनस्] हुष्ट मन, ५२५ मन सूर. ११४; चंद. ११८; आया. ४५५,४५९; दुम द्रुम] वृक्ष, मामा हेवनानु मेड सूय. ६५६,६५८,६६७; દેવવિમાન, અમરેન્દ્રના પાયદળ લશ્કરનો ठा. १६८ थी १७३; नाया. १९; અધિપતિ દેવ, “અનુત્તરોવવાય' આગમ दसा. ३५; સૂત્રનું એક અધ્યયન, એક વિશેષ નામ दुम्मणिय [दौर्मनस्य] ६ष्ट मनोभाव ठा. ३७२,३७४,४३८,६८२,६८३; दस. ४६३; सम. ४५; भग. १३७ दुम्मति [दुर्मति हुटमति नाया. ३७,११२; अनुत्त. ३; सूय. ५२५; , पण्हा , ३९; राय, २९; दुम्मय [दुर्मत] पोटो मत, अनार्य सिद्धांत जीवा. १६७,१८५; आया. १४६; जंवू. ३२,३३,३६,२३६; दुम्महिला [दुर्महिला] दृष्ट महिमा दस. २,४३२; उत्त. २९१,३५४, ओह. ४९४; ४३७,६८०,७१५,१२५६; दुम्मुणिय [दुति] :पेशने ४५ शयते अनुओ. १५५; पण्हा. ३६; दुमखंध [द्रुमस्कन्ध] वृक्षy 23 दुम्मुह [दुर्मुख] 'त६सा' सूत्रन से गणि, ६२; અધ્યયન, એક વિશેષ નામ, એક પ્રત્યેક બુદ્ધ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560 561 562