Book Title: Agamsaddakoso Part 2
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agamdip Prakashan

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Page 494
________________ (सुत्तंकसहिओ) ४८ दिवाग [दिव्याक] मुकुली सपना त वव. २० थी २२,६१,१०५,१०६,१३७,१३८, जीवा. ४४; पन्न. १६२, १५८ थी १६२,१६५ थी १७०; दिविय [दिव्यक] हेव संबधि दसा. ९५; ओह. १२१; उत्त. १९०; उत्त. २९,२३७,३०३,६९६,१०७२,१३७५, दिवोसहि दिव्यौषधि हिव्य-औषधि १६६९; नाया. २१, दिसाकुमार [दिशाकुमार] भवनलिवनी से दिस दिश] ७५२ ३२वो. જતિ आउ. ७१; आव. ९,४६; ठा. ५१; उव. २३; दिस [६]ong, तपास पन्न. १९१,३०७,३२८ पिंड. १९८,५१९, देविं. २६,४९; अनुओ. १५०; दिसा [दिशा] हिशा-पूर्वाह, विमान, || दिसाकुमारिंद [दिशाकुमारेन्द्रदिशाकुमार नाम દિશાકુમાર દેવતા એક ભવનપતિ દેવનો ઈન્દ્ર आया. १,४,८,५१,१०६,१४६,२१४; | ठा. ९८ देविं. १७; सूय. १५१,३०५,३१०,३५५,४७४,५९३,६३४ || दिसाकुमारी [दिशाकुमारी] हिशाहुमार नामना थी ६३८,६४७,६५४,६७०,६७१,७५१, | ભવનપતિ દેવતાની દેવી ७६८,८०६; ठा. २७३,५५८,७६३,७६७,७७१,७७५, ठा. ७६,१७६,५४४,७०२,९०९; ७७७,७७९; सम. ४०,११०,१४०,१५५,२४०, नाया. ८२ नाया. ३४,३७,४७,४८,६२,८१,९२,१४७, जंबू. २१२,२१४,२१५,२१७,२१८,२२२, १७९,१८४; २२३,२२६; उवा. ११,२५,२७,३८,३९,४२,४३,४५,५२; // दिसाग [दिशाक हुमो 'दिसा' अंत. १,१३,२७, पण्हा. १९,२३; नंदी. ६६; विवा. १,९,३१,३२,३४,३७; दिसाचक्क वाल [दिक्चक्रवाल] मे २-त५ उव. २२,३४,४१ थी ४३; भग. ५०८; पुष्फि. ५; राय. ४०,५४; दिसाचर [दिशाचर] हिशाय२-४ी शामi जीवा. ८९,२०७,३३७,३३८; ફરનાર पन्न, २०३,२०५,२०७,२१३,२१५,२१७,२२६; | भग, ६३७; सूर. १,३६, चंद. २०,४०, | दिसाणुवाय [दिशानुपात] हिशाने मनुसरत जंबू. १४,४९,६१,६२,६७,६८,७३ थी ७५,७९ ।। | पन्न. २५७ थी २६०,२९५; थी ८४,९०,९६,१००,१०१,१०३,१०४, || दिसादाह [दिशादाह] [शामा मतापाय १२०,१२२,१२८,१४३,१५४,१६५,१८७, તે, દિશાદાહથી શુભાશુભ જાણવાની એક १९४,१९७,२३६,२४४; વિદ્યા निर. ७,१८; पुष्फि, ५,७; सूय. ६५४; जीवा. १८५; निसी. ६१८,६१९, अनुओ. १६३; Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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