Book Title: Agamsaddakoso Part 2
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agamdip Prakashan
View full book text
________________
४०
आगमसद्दकोसो
ठा. ९३५;
दसा. ५३; दसणोवलंभ दर्शनोपलम्भाशननी प्राप्तिथवा दक्खवन [द्राक्षवन] द्राक्ष- वन राय, ७२,
अनुओ. २३५; दंसमसय [दंशमसक] iस-भ७२
दक्खिण [दक्षिण] क्षि-शा, क्षि-हेश, सम, ५२
उत्त. ४९,५९; સર્વસ્ત્રીઓમાં સરખો રાગ રાખનારનાયકનો दंसमसयपरिसह [दंशमसकपरिषह] साधुना એક પ્રકાર બાવીશ પરિષહમાંનો એક ડાંસ મચ્છર | आया. ४,
सम. १६७,१७७; વગેરેનું દુઃખ સહન કરવું તે
नाया. ८८,१७४,१८५,१८६; सम. ५२; उत्त. ४९;
उवा. १६,१८,५३; दंसमाण [दशत्] ४२.तो
जीवा. १८१,१८२,१८७,१९१,२०५; आया. ३०७;
जंबू. १५,१३०,१३१,१३७,१३८,१४०,१४२, दंसि [दर्शिन् नेनार,सलोनार
१५१,१५२,१५७,१६५,१६६,१७१,१८० थी दसा. ७६; उत्त. १७८;
१८३,१९४,१९६,१९७,२००,२०६,२०९, दंसिय [दर्शित हेपास
२११,२३०,२४९,३००; नाया. १५; उत्त. ११८७; बुह. ४७;
ओह. २४१%; अनुओ. १७,३९,५२,७०,८२,३११,३२५, दक्षिणकूल [दक्षिणकूल/नेक्षिनारे ३२७,३२९;
રહેનાર તાપસની એક જાતિ दक्ख [दक्ष] ६१, यतु२, निपुर, उत्तर तरन पुष्फि. ५; ભવનપતિઈન્દ્રનો પાયદળ સેનાધિપતિ दक्षिणकूलग [दक्षिणकूलक] '७५२' सूय. ७५२, ठा. ४३८,६८२; । उव. ४४; नाया. १५,११२ उवा. ४६; दक्षिणपचत्थिम [दक्षिणपाश्चात्य नैत्यो उव.३१%
राय, १०,६८,७१,७२; जीवा. १०५; जंवू. २१४,२३६; दक्षिणपुरथिम (दक्षिणपौरस्त्य) अग्निपू दसा. ९९;
अनुओ. २७५; जीवा. १९१; दक्ख [दाक्ष्य] ६क्षता, यतुराई
दक्खिणपुव [दक्षिणपूर्व] ७५२' उत्त. १३;
ओह. २४१; दक्ख [दश्] ठोj, अवलोsj
दक्खिणहुत्त [दक्षिणमुख] क्षिभुष-नक्षत्र आया. ८९,२७४;
सम. १५२; सूय. ९,१४४,४१२; नाया. १३८; दक्खिणा [दक्षिणा] क्षित, हान दक्ख [द्राक्ष] द्राक्ष, संपू२
सूय. ६३५,७३६; पुष्फि. ५; पिंड. १६९;
दक्खिणायण [दक्षिणायन] क्षि-अयन, सूर्यन दक्खत्त [दक्षत्व] यातुरी, यालाही
દક્ષિણ તરફ જવું તે भग. ५३६;
सम. १५७; दक्खपतिण्ण [दक्षप्रतिज्ञ] प्रतिश-पालनमा दक्खिणाणुकूल [दक्षिणानुकूल] ६क्षि शिाने કુશળ
|| मनुज
जीवा. १९१;
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org

Page Navigation
1 ... 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560 561 562