Book Title: Agamsaddakoso Part 2
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agamdip Prakashan
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(सुत्तंकसहिओ)
४६८
राय. १४ थी १६,२७ थी २९,३२,३६ थी ३८, || दलइत्तए (दातुम् मापवाभाटे,हान ४२वाभाटे ४८,४९,५२,५६;
नाया. ९८;
वव. १७७; जीवा. ९८,१५४,१६२ थी १६५,१६७,१६८, || दलइत्ता [दत्वा] मापाने १७५,१७६,१८५,१८७,१९०,२८७,२९०,
आया. ५१३; नाया. १७; २९२,
उव. १२;
राय. ४४; पन्न, २०३,२०५,२१७,२२५,२२६,२२८, जीवा. १८०
जंबू. ५६; २३४,२३५,
दलण [दलन] मापते सूर. १०; चंद. २०;
वीर. २५; जंबू.४,१३,१५,३२,३४,१२१,१२८थी १३०, || दलमाण /ददाना भापती १४३,२२७,२२९;
बुह. ११३,१२१,१२२,१४८,१४९; वण्हि . ३; दसा. १०१;
वव. २४९; दसा. ४९; दरिसणिय [दर्शनीय हुमो 6५२'
दलय [दा] मापj दसा. ५२;
आया. २२९,२३८,३४६,३६७; दरिसयंत [दर्शयत्] प्रगट ४२तो, प्रशतो
सम. १०९; सम. २१६;
नाया. १७,२१,२२,२६,४८,५१,७५; दरिसि [दर्शिन् सर्वशा, होनार
उवा. ४४;
अंत. १०,१३; आया. ५३५; नाया. ५५,७६;
विवा. ९,३३; उव. १२,५० दरिसेउ [दर्शितुम्वा माटे
राय. ४२,४४,७७,७८,८३; तंदु. ४८;
जीवा. १७९,१८०; दरी [दरी] पर्वतनी गु, ४२
जंबू. ५६,७७,१३३,२२९,२४०; आया. ४५९,४६१,४७०,५००;
निर. १७;
पुष्फि . ८; नाया. २२,३७,६४, जीवा. १८५;
पुष्फ.३;
निसी. ५८३,५८४; पुष्फि, ७; दसा. ४९;
वव, ११८,२४४; दरीमह [दरीमह] गुड़ानो महोत्सव
दसा. ४,४७,४९,१०४; आया. ३४६;
दलय [दलक] धर्मनस -जीया दल [दल]ui६, माप, 3,समूह,64हान
राय. १५; કારણ, કર્મના દળીયા
दलय [दापय] सपा पण्हा. १९; जीवा. १६४,१८५;
विवा. २९ चंद. १: जंबू. ३४,८१;
दलयमाण [ददत्] आपतो, अपावतो दल [दा] २५j,घन २j
ठा. १४३,२१५, नाया. २५; आया. ३९०, सूय, २१२;
दलयित्ता [दत्वा मापाने नाया. ४९,७५,१४८,१५३;
नाया. १५७;
राय.४४, दस. १५३; उत्त, २२४,३७१%B जंबू. ७७;
दसा. ९७; दल [द] हे
दलविमल [दलविमल] ६-मसानी पनि पिंड, ३२८,५६९;
जंबू. ३४;
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