Book Title: Agam Sutra Hindi Anuvad Part 03
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Aradhana Kendra

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Page 209
________________ २०८ आगमसूत्र-हिन्दी अनुवाद जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी हैं ? गौतम ! वे ज्ञानी हैं, अज्ञानी नहीं । उनमें पांच ज्ञान भजना से पाए जाते हैं । अज्ञानलब्धियुक्त और अज्ञानलब्धि से रहित जीवों के समान मति-अज्ञान और श्रुत-अज्ञानलब्धि वाले तथा इन लब्धियों से रहित जीवों का कथन करना । विभंगज्ञानलब्धि से युक्त जीवों में नियमतः तीन अज्ञान होते हैं और विभंगज्ञानलब्धिरहित जीवों में पांच ज्ञान भजना से और दो अज्ञान नियमतः होते हैं । भगवन् ! दर्शनलब्धिवाले जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी हैं ? गौतम ! वे ज्ञानी भी होते हैं, अज्ञानी भी । उनमें पांच ज्ञान और तीन अज्ञान भजना से होते हैं । भगवन् ! दर्शनलब्धिरहित जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी ? गौतम ! दर्शनलब्धिरहित जीव कोई भी नहीं होता । सम्यग्दर्शनलब्धि-प्राप्त जीवों में पांच ज्ञान भजना से होते हैं । सम्यग्दर्शनलब्धि-रहित जीवों में तीन अज्ञान भजना से होते हैं । भगवन् ! मिथ्यादर्शनलब्धिवाले जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी ? गौतम ! उनमें तीन अज्ञान भजना से होते हैं । मिथ्यादर्शनलब्धि-रहित जीवों में पांच ज्ञान और तीन अज्ञान भजना से होते हैं । सम्यग्मिथ्यादर्शनलब्धिप्राप्त जीवों का कथन मिथ्यादर्शनलब्धियुक्त जीवों के समान और सम्यग्मिथ्यादर्शनलब्धि-रहित जीवों का कथन मिथ्यादर्शनलब्धि-रहित जीवों के समान समझना चाहिए । भगवन् ! चारित्रलब्धियुक्त जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी ? गौतम ! उनमें पांच ज्ञान भजना से होते हैं । चारित्रलब्धिरहित जीवों में मनःपर्यवज्ञान को छोड़कर चार ज्ञान और तीन अज्ञान भजना से होते हैं | भगवन् ! सामायिकचारित्रलब्धिमान् जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी ? गौतम ! वे ज्ञानी होते हैं । उनमें केवलज्ञान के सिवाय चार ज्ञान भजना से होते हैं । सामायिकचारित्रलब्धिरहित जीवों में पांच ज्ञान और तीन अज्ञान भजना से होते हैं । इसी प्रकार यथाख्यातचारित्रलब्धि वाले जीवों तक का कथन करना चाहिए । इतना विशेष है कि यथाख्यातचारित्रलब्धिमान् जीवों में पांच ज्ञान भजना से पाए जाते हैं । भगवन् ! चारित्राचारित्रलब्धि वाले जीव ज्ञानी हैं अथवा अज्ञानी हैं ? गौतम ! वे ज्ञानी होते हैं, अज्ञानी नहीं । उनमें से कई दो ज्ञान वाले, कई तीन ज्ञान वाले होते हैं । जो दो ज्ञान वाले होते हैं, वे आभिनिबोधिकज्ञानी और श्रुतज्ञानी होते हैं, जो तीन ज्ञान वाले होते हैं, वे आभिनिबोधिकज्ञानी, श्रुतज्ञानी और अवधिज्ञानी होते हैं । चारित्राचारित्रलब्धि-रहित जीवों में पांच ज्ञान और तीन अज्ञान भजना से होते हैं । दानलब्धिमान् जीवों में पांच ज्ञान और तीन अज्ञान भजना से होते हैं । भगवन् ! दानलब्धिरहित जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी ? गौतम ! वे ज्ञानी होते हैं, अज्ञानी नहीं । उनमें नियम से एकमात्र केवलज्ञान होता है । - इसी प्रकार यावत् वीर्यलब्धियुक्त और वीर्यलब्धि-रहित जीवों का कथन करना । बालवीर्यलब्धियुक्त जीवों में तीन ज्ञान और तीन अज्ञान भजना से पाए जाते हैं । बालवीर्यलब्धि-रहित जीवों में पांच ज्ञान भजना से होते हैं । पण्डितवीर्यलब्धिमान् जीवों में पांच ज्ञान भजना से पाए जाते हैं । पण्डितवीर्यलब्धि-रहित जीवों में मनःपर्यवज्ञान के सिवाय चार ज्ञान और तीन अज्ञान भजना से पाए जाते हैं । भगवन् ! बालपण्डितवीर्यलब्धि वाले जीव ज्ञानी हैं, या अज्ञानी ? गौतम ! उनमें तीन ज्ञान भजना से होते हैं । बालपण्डितवीर्यलब्धिरहित जीवों में पांच ज्ञान और तीन अज्ञान भजना से पाए जाते हैं । भगवन् ! इन्द्रियलब्धिमान् जीव ज्ञानी होते हैं या अज्ञानी ? गौतम ! उनमें चार ज्ञान

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