Book Title: Agam Sutra Hindi Anuvad Part 03
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Aradhana Kendra

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Page 208
________________ भगवती-८/-/२/३९३ यथाख्यातचारित्रलब्धि । भगवन् ! चारित्राचारित्रलब्धि कितने प्रकार की है ? गौतम ! वह एक प्रकार की है । २०७ इसी प्रकार यावत् उपभोगलब्धि, ये सब एक-एक प्रकार की हैं । भगवन् ! वीर्यलब्धि कितने प्रकार की है ? गौतम तीन प्रकार की है, - बालवीर्यलब्धि, पण्डितवीर्यलब्धि और बालपण्डितवीर्यलब्धि । भगवन् ! इन्द्रियलब्धि कितने प्रकार की है ? गौतम ! पांच प्रकार कीश्रोत्रेन्द्रियलब्धि यावत् स्पर्शेन्द्रियलब्धि । भगवन् ! ज्ञानलब्धि वाले जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी ? गौतम ! वे ज्ञानी हैं, अज्ञानी नहीं। उनमें से कितने ही दो ज्ञानवाले होते हैं । इस प्रकार उनमें पांच ज्ञान भजना से पाए जाते हैं । भगवन् ! अज्ञानलब्धि वाले जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी ? गौतम ! वे ज्ञानी नहीं अज्ञानी हैं । उनमें से कितने ही जीव दो अज्ञानवाले और कितनेक जीवो में तीन अज्ञान भजना से पाए जाते हैं । भगवन् ! आभिनिबोधिकज्ञानलब्धि वाले जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी हैं ? गौतम ! वे ज्ञानी हैं, अज्ञानी नहीं । उनमें से कितने ही जीव दो, कितने ही तीन और कितने ही चार ज्ञानवाले होते हैं । इस तरह उनमें चार ज्ञान भजना से पाए जाते हैं । भगवन् ! आभनिबोधिकज्ञानलब्धि-रहित जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी हैं ? गौतम ! वे ज्ञानी भी हैं और अज्ञानी भी । जो ज्ञानी हैं, वे नियमतः एकमात्र केवलज्ञान वाले हैं, और जो अज्ञानी हैं, वे कितने ही दो अज्ञानवाले है और तीन अज्ञान भजना से पाये जाते हैं । श्रुतज्ञानलब्धिवाले जीवों का कथन भी इसीप्रकार करना । एवं श्रुतज्ञानलब्धिरहित जीवों को आभिनिबोधिकज्ञानलब्धि - रहित की तरह जानना । भगवन् ! अवधिज्ञानलब्धियुक्त जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी ? गौतम ! वे ज्ञानी हैं, अज्ञानी नहीं । उनमें से कतिपय तीन ज्ञानवाले हैं और कई चार ज्ञानवाले हैं । जो तीन ज्ञानवाले हैं, वे आभिनिबोधिकज्ञान यावत् अवधिज्ञान वाले हैं और जो चार ज्ञान से युक्त हैं, आभिनिबोधिकज्ञान, यावत् मनः पर्यवज्ञान वाले हैं । भगवन् ! अवधिज्ञानलब्धि से रहित जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी ? गौतम ! वे ज्ञानी भी हैं और अज्ञानी भी । इस तरह उनमें अवधिज्ञान के सिवाय चार ज्ञान और तीन अज्ञान भजना से होते हैं । भगवन् ! मनःपर्यवज्ञानलब्धि वाले जीव ज्ञानी हैं अथवा अज्ञानी ? गौतम ! वे ज्ञानी हैं, अज्ञानी नहीं । उनमें से कितने तीन ज्ञानवाले हैं और कितने चार ज्ञान वाले । जो तीन ज्ञानवाले हैं, वे आभिनिबोधिकज्ञान, श्रुतज्ञान और मनःपर्यायज्ञान वाले हैं, और जो चार ज्ञानवाले हैं, वे आभिनिबोधिकज्ञान यावत् मनःपर्यायज्ञान वाले हैं । भगवन् ! मनः पर्यवज्ञानलब्धि रहित जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी हैं ? वे ज्ञानी भी हैं और अज्ञानी भी । उनमें मनः पर्यवज्ञान के सिवाय चार ज्ञान और तीन अज्ञान भजना से हैं । भगवन् ! केवलज्ञानलब्धि वाले जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी हैं ? गौतम ! वे ज्ञानी हैं, अज्ञानी नहीं । वे नियमतः एकमात्र केवलज्ञान वाले । भगवन् ! केवलज्ञानलब्धिरहित जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी हैं ? गौतम ! वे ज्ञानी भी हैं और अज्ञानी भी । उनमें केवलज्ञान को छोड़ कर शेष चार ज्ञान और तीन अज्ञान भजना से पाए जाते हैं । भगवन् ! अज्ञानलब्धि वाले जीव ज्ञानी हैं, या अज्ञानी हैं ? गौतम ! वे ज्ञानी नहीं, अज्ञानी हैं । उनमें तीन अज्ञान भजना से पाए जाते हैं । भगवन् ! अज्ञानलब्धि से रहित

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