Book Title: Agam Sutra Hindi Anuvad Part 03
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Aradhana Kendra

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Page 236
________________ भगवती-८/-/९/४२७ २३५ भगवन् ! ज्ञानावरणीयकार्मणशरीरप्रयोगबंध का अन्तर कितने काल का होता है ? गौतम ! अनादि-अपर्यवसित और अनादि-सपर्यवसित का अन्तर नहीं होता । जिस प्रकार तैजसशरीरप्रयोगबंध के अन्तर के विषय में कहा गया है, उसी प्रकार यहाँ भी कहना चाहिए । इसी प्रकार अन्तरायकार्मणशरीरप्रयोगबंध के अन्तर तक समझना चाहिए । भगवन् ! ज्ञानावरणीयकार्मणशरीर के इन देशबंधक और अबंधक जीवों में कौन किससे अल्प, बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं ? गौतम ! तैजसशरीरप्रयोगबंध के समान कहना । इसी प्रकार आयुष्य को छोड़ कर अन्तरायकार्मणशरीरप्रयोगबंध तक के देशबंधको और अबंधकों के अल्पबहुत को कहना । भगवन् ! आयुष्यकार्मणशरीरप्रयोगबंध के देशबंधक और अबंधक जीवों में कोन किससे यावत् विशेषाधिक हैं. ? गौतम ! आयुष्यकर्म के देशबंधक जीव सबसे थोड़े हैं, उनसे अबंधक जीव संख्यातगुणे हैं । [४२८] भगवन् ! जिस जीव के औदारिकशरीर का सर्वबंध है, वह जीव वैक्रियशरीर का बंधक है, या अबंधक ? गौतम ! वह बंधक नहीं, अबंधक है । भगवन् ! आहारकशरीर का बंधक, है, या अबंधक ? गौतम ! वह बंधक नहीं, अबंधक है । भगवन् ! तैजसशरीर का बंधक है, या अबंधक ? गौतम ! वह बंधक है, अबंधक नहीं है । भगवन् ! यदि वह तैजसशरीर का बंधक है, तो क्या वह देशबंधक है या सर्वबंधक है ? गौतम ! वह देशबंधक है, सर्वबंधक नहीं है । भगवन् ! औदारिकशरीर का सर्वबंधक जीव कार्मणशरीर का बंधक है या अबंधक ? गौतम ! जैसे तैजसशरीर के समान यहाँ भी देशबंधक है, सर्वबंधक नहीं है । भगवन् ! जिस जीव के औदारिकशरीर का देशबंध है, भगवन् ! वह वैक्रियशरीर का बंधक है या अबंधक ? गौतम ! बंधक नहीं, अबंधक है । सर्वबंध के समान देशबंध के विषय में भी कार्मणशरीर तक कहना । भगवन् ! जिस जीव के वैक्रियशरीर का सर्वबंध है, क्या वह औदारिकशरीर का बंधक है या अबंधक ? गौतम ! वह बंधक नहीं, अबंधक है । इसी प्रकार आहारकशरीर में कहना । तैजस और कार्मणशरीर के विषय में औदारिकशरीर के समान वह देशबंधक है, सर्वबंधक नहीं तक कहना । भगवन् ! जिस जीव के वैक्रियशरीर का देशबंध है, क्या वह औदारिकशरीर का बंधक है, अथवा अबंधक है ? गौतम ! वह बंधक नहीं, अबंधक है । जैसा वैक्रियशरीर के सर्वबंध के विषय में कहा, वैसा ही यहाँ भी देशबंध के विषय में कार्मणशरीर तक कहना चाहिए । भगवन् ! जिस जीव के आहारकशरीर का सर्वबंध है, तो भंते ! क्या वह जीव औदारिकशरीर का बंधक है या अबंधक है ? गौतम ! वह बंधक नहीं है, अबंधक है । इसी प्रकार वैक्रियशरीर के विषय में कहना चाहिए । तैजस और कार्मणशरीर के विषय में जैसे औदारिकशरीर के साथ कहा, वैसे यहाँ भी कहना चाहिए । भगवन् ! जिस जीव के आहारकशरीर का देशबंध है, तो भंते ! क्या वह औदारिकशरीर का बंधक है.या अबंधक है ? गौतम ! आहारकशरीर के सर्वबंध की तरह देशबंध के विषय में भी कार्मणशरीर तक कहना चाहिए । भगवन् ! जिस जीव के तैजसशरीर का देशबंध है, तो भंते ! क्या वह औदारिकशरीर का बंधक है या अबंधक है ? गौतम ! वह बंधक भी है, अबंधक भी है । भगवन् ! यदि वह औदारिक शरीर का बंधक है, तो क्या वह देशबंधक है अथवा सर्वबंधक है ? गौतम !

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