Book Title: Agam Padyanam Akaradikramen Anukramanika 01
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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अं
आगम पद्यानाम् अकारादिक्रमेण अनुक्रमणिका
अंतलिक्खत्ति णं बूआ, अंताणि धीरा सेवंति,
(द.वै.) ३३० (सूत्र) ६२१
अंति अइंतिअतिअअंता उ (अनु.) २० अंतिमकोडाकोडीए
(विशे.) ११९४
अंतिमतंतू न पडो अंतेउरप्पवेसो वायणिमित्तं अंतेच्चिय आरद्धो अंते व सव्वनासो
अंतो चउरंसा खलु अहियअंतो नियंसणी पुण अंतो बहिं च धोअं अंतो बहिं च भिन्नं अंडग अंतो मणुस्सखेते हवंति अंतो मणुस्सखेत्ते हवंति अंतो मणुस्खेत्ते हवंति अंतोमुहुत्तकालं चित्तअंतोमुहुत्तकालो होइ अंतो मुहुत्तमद्धं लेसाण अंतोमुहुत्तमद्धं सेलेसीए अंतोमुहुत्तमित्तं जहअंतोमुहुत्तमेव य अंतोऽवयवो न कुणइ
(विशे.) २३५२ (ओघ.) भा. २६ (विशे.) २३१७ (विशे.) २४१३ (दे. प.) ३३ अइकक्खडं व किरियं (ओघ.) भा. ३१६ अइगंतूण अलोगं (आ.नि.) १३५२ अइतिक्खं दुक्खं जं जं (आ.नि.) १३५४ अइतिक्खकंटगाइण्णे, (सूर्य.) ७७ (जीवा.) ७१ (दे. प.) १४७ (आ.नि.) १४६३ (जीवा.) ९०
| अइभार चुडण पणए (उत्त.) १३०८ अइभार चुडण पणए (सू.नि.) १७६ अइभारेण उ इरियं (विशे.) २७६३ अइभूमिं न गच्छेज्जा, (विशे.) ३१३० अइमसिहं पडिकुटुं (विशे.) २३५१ अइमाणं च मायं च तं (विशे.) २३५० अइमाणं च मायं च तं ( आचा.) ४५ | अइयारा छेदंता (उत्त.) ८५८ अइरं फलाइपिहितं (उत्त.) ८८८ अइरित अहिगमासा (प्रज्ञा.) १११ अइरुग्गयए य सूरिए, (उत्त.) १५०१ अइरेगगहण उग्गाहिएण (सूत्र) ४६ अइरेगोवहिपडिलेहणाए (विशे.) ११५४ अइवत्तियं अणाउट्टि (स्था.) ४० अइकडपुरदाहम्मि (प्रज्ञा) ११९ अइसयकओवओगो ( आचा.) २२ | अइसयचरणसमत्था (सम.) १५५ अइसेसइड्डियायरियवाइ(विशे.) १४६७ अइसेस देवया वा निमित्त (विशे.) १३५५ अंबस्स य निंबस्स य (आ.नि.)१११६ अइसेसिओ व सेहं असई (ओघ.) २५४ अंबस्स य निंबस्स य दुण्हंपि (ओघ.) ७७१ अइसेसे उप्पण्णे होही (आ.नि.) भा. १६६ अंबे अंबरिसी चेव अ (इ) ह भवे पइन्ना उ,
| अंतोवि अत्थि कम्मं अंतो साईआओ बाहिरपासे (अनु.) ९५ अंतो हिअयसंभूया, लया (पि.नि.) २८७ अंधयारे तमे घोरे, (विशे.) २१६६ अंधिय पोत्तिय मच्छिय (त.प.) १०० अंधिया पुत्तिया चेव, (इसि.) २८१२२ अंधो अंधं पहं णितो, (आ.नि.) भा. २१९ अंधोऽणवबोहो च्चिय (सूत्र) ६२३ अंबट्टा य कलंदा य (ओघ.) ५७२ अंबट्ठा य कलिंदा य (सूत्र.) ६०८ अंबट्टुग्गनिसाया य (सू.नि.) ७१ | अंबड दारूमडे या साई - (उत्त.) १३३३ अंबत्तणेण जीहाए
(सम.) ११
अंकारतं धनं इंकारंतं अंकुरा खंधखंधीयो अंगंतूणं समुग्घातं, अनंता अंग भाग भए अंगपच्चंगसंठाणं, चारुअंगपच्चंगसंठाणं; चारुअंगप्पभवा जिणअंगसुयक्खं धज्झयणाणं अंगाइहाले
अंगासुत्तरयणा
अंगाणं किं सारो ? आयारो, (आचा.) १६
अंगाणंगपवि
अंगारत्तमपत्तं जलमाणं - अंगारधूवियाई अणंतरो अंगुटुपएसिणिमज्झिमाए अंगुट्ठमुट्ठिगंठीघरसेउस्सासअंगुलं सत्तर अंगुलं सत्तरत्तेणं, अंगुलमा आ अंगुलमावलियाणं अंगुलमावलियाणं,
अंगुल विहत्थि रयणी अंगुलिया घेत्तुं कड्ढइ अंगुलिरिजुतानियय० अंजणगुणसुविसुद्धं अंजणस्स खयं दिस्स
मुज्झिम्पेन य अंतं करंति दुक्खाणं, अंतंतं भोक्खामित्ति बेसए अंतए वितिगिच्छाए, से अंतगयफिम्फिसाणि य अंतमुहुत्तंमि गए अंतअंतम्मि उवण्णसिय अंतरपल्लीगहियं पढमाअंतरमेगं समयं जहन्न
(अनु.) २३ (इसि.) ९।१४ ( प्रज्ञा.) २३० (उ.नि.) १५६ (द.वै.) ३९२ (उत्त.) ४९५ (उ.नि.) ४ (विशे.) १४९४ (विशे.) ९८० (विशे.) ११२३
(विशे.) ५२७ (पि.नि.) ६५६ (पि.नि.) ५६० (ओघ.) ३९१ ( आ.नि.) १५७८ (उत्त.) ९८७ (ओघ.) २८५
(नन्दी) ५० (विशे.) ६०८ (आ.नि.) ३२
૧
अंबे अंबरिसी चेव, सामे अंबे अंबरिसे चेव सामे
अ
| अइदुल्लहभेसज्जं बलबुद्धि - | अइदूरगमणफिडिओ अइदूरजलंतरिया कम्माअइबहुयं अइबहुसो
(सू.नि.) ६६ (भग.) २७
(विशे.) १०४५ (विशे.) ६०४
(भ.प.) १५२
(उत्त) ६३४ (ग. प.) ९२ (ओघ.) भा. २१८
(पि.नि.) ३३७ (पि.नि.) ६४६
(पि.नि.) २५
(ओघ.) ३५०
(ओघ.) १८८
(द.वै.) ८३
(पि.नि.) ३७७
(सूत्र.) ४७२
(सूत्र) ५३० (विशे.) १२५०
(पि.नि.) ५६१
(दश) ३६२ (उ.नि.) १३४ (ओघ.) ३११
(ओघ.) १३२
(आ.) ५८
(विशे.) ११६२ (विशे.) २२९०
(विशे.) ७८६
(दश.) १८३ (ओघ.) भा. १६ (ओघ.) भा. ३० (उ.नि.) २५९
(उत्त) ८४६
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