________________ भूमिका प्रति-परिचय (अ) यह प्रति लालभाई दलपतभाई भारतीय संस्कृति विद्या मंदिर, अहमदाबाद से प्राप्त है। इसकी क्रमांक संख्या 18877 है। इसकी पत्र संख्या 7 हैं। प्रति स्थूल एवं स्पष्ट अक्षरों में लिखी गई है। प्रति के अंत में "इति श्रीआगमअट्टत्तरीसूत्रसमाप्तः संवत् 1933 ना वरषे कार्तिक सुदी 8 ने वार भोमे" का उल्लेख है। (द) यह प्रति लालभाई दलपतभाई भारतीय संस्कृति विद्या मंदिर, अहमदाबाद से प्राप्त है। इसकी क्रमांक संख्या 18898 है। इसकी पत्र संख्या 7 है। इसके अंत में "इति श्रीआगमअद्रुत्तरीसूत्रसमाप्तः संवत् 1933 कार्तिकशुक्ले तिथौ द्वितीयायां भृगुवासरे लिपिकृतं बाबा बालगीरजी महादेवगीरजी / छ / / का उल्लेख है। (ब) यह प्रति लालभाई दलपतभाई भारतीय संस्कृति विद्या मंदिर, अहमदाबाद से प्राप्त है। इसकी क्रमांक संख्या 23740 है। इसकी पत्र संख्या 6 है। अंतिम पृष्ठ खाली है। इसके अंत में "इति श्रीआगमअद्भुत्तरीसूत्रसमाप्तः संवत् 1741 वरषे मागसिरमासे शुक्लपक्षे षष्ठी तिथौ" का उल्लेख है। प्रति साफ-सुथरी एवं सुघड़ अक्षरों में लिखी हुई है। '' (म) यह प्रति महावीर आराधना केन्द्र, कोबा के कैलाशसागर सूरि ज्ञान मंदिर पुस्तकालय से प्राप्त है। इसकी क्रमांक संख्या 12666 है। यह प्रति सतरहवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में लिखी हुई होनी चाहिए। इसमें कुल पत्र संख्या 5 है। प्रति के अंत में "इति श्रीआगमअद्रुत्तरीसमाप्तः" का उल्लेख है। . (ला) यह प्रति लालभाई दलपतभाई भारतीय संस्कृति विद्या मंदिर, . अहमदाबाद से प्राप्त है। इसकी क्रमांक संख्या 17 है। इसमें