Book Title: Agam Athuttari
Author(s): Kusumpragya Shramani
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 87
________________ 74 .. आगम अद्दुत्तरी बड़े भाई के नाम बालों से भरा कलश, दूसरे भाई के नाम मिट्टी से भरा ' कलश, तीसरे भाई के नाम कागज से भरा कलश तथा सबसे छोटे भाई के नाम स्वर्ण रत्न से भरा कलश निकला। तीनों भाई उदास हो गए लेकिन छोटा भाई अत्यन्त खुश था। वे आपस में झगड़ा करने लगे। छोटे भाई ने कहा-'हमें पिताश्री की अंतिम सीख पर ध्यान देना चाहिए। विवाद छोड़कर आपस में प्रेम से रहना चाहिए।' ___ राजा ने निर्णय हेतु मतिसार मंत्री को बुलाया लेकिन वह निर्णय नहीं कर सका आखिर उसके बड़े पुत्र सुबुद्धि ने कहा-'इस विवाद का निर्णय मैं करूंगा। सुबुद्धि ने चारों पुत्रों को एकान्त में बुलाकर कहा-"तुम लोग आपस में झगड़ा मत करो। तुम्हारे पिताजी बहुत बुद्धिमान थे, उन्होंने बहुत सोच-समझकर बंटवारा किया है। जिसका चरु बालों से भरा है उसको सेठ ने गाय, घोड़ा आदि पशु धन दिए हैं। जिसके चरु में मिट्टी है, उसे खेती, बाड़ी आदि जमीन दी है, जिसका चरु कागजों से भरा है, उसे देनदारों का धन दिया है। चौथे पुत्र को उतने ही कीमती स्वर्ण और रत्न दिए हैं। इस निर्णय को सुनकर राजा बहुत प्रसन्न हुआ और उसे मंत्री पद दे दिया। एक बार केवलज्ञानी उस गांव में पधारे। उनसे पूर्वभव का वर्णन सुनकर सुबुद्धि मंत्री विरक्त हो गया। उसने आचार्य के पास दीक्षा ग्रहण कर ली। धर्माचार्य से प्रतिबोध तथा शास्त्रों के पठन-पाठन से आयुष्यपूर्ण कर वह पांचवें देवलोक में गया। 1. आगम 113 /

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