Book Title: Agam Athuttari
Author(s): Kusumpragya Shramani
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 90
________________ परिशिष्ट-४ शब्दार्थ अंसु (किरण) 1 | उज्झ (त्यक्त) अक्खय (अक्षय) 76 | उट्ठ (ओष्ठ) अज्जय (दादा) . 10 | उत्त (उक्त) अणुट्ठाण (अनुष्ठान) 30, 67 | उत्ति (उक्ति, कथन) अणुयोगदार (अनुयोगद्वार | उवदिट्ठ (उपदिष्ट) नामक मूल सूत्र) 23 | उवदेस (उपदेश) अप्प (समर्पित करना) 36 | ककच (करवत) अभिक्खण (प्रतिक्षण) 80 | कक्कंधु (बैर का वृक्ष) अमर (देवता). 85 | कज्ज (कार्य) अमिय (अमृत) 36 | कणग (धतूरा) अमेज्झ (दुर्गन्धयुक्त) 106 | कणग (बाण) अय (लोहा) . 61 अवण्णवाद (निंदा) 103 | | कण्णजाव (चुगली) अवर (अपर, दूसरा) 92 कण्ह. (कृष्ण वासुदेव) अहर (होठ) कदली (केला) अहल (निष्फल) 90 | कप्परुक्ख (कल्पवृक्ष) अहिव (राजा) 110 | कम (क्रम) आइण्ण (आकीर्ण) 16 | कयण्णु (कृतज्ञ) आलि (पंक्ति) 1 | करंडग (पेटी) . आलिद्ध (युक्त) 90 | कर (किरण) आलीढ (आकीर्ण, युक्त) | कवड्डिया (कौड़ी) आवस्सय (आवश्यक) 21 | कविट्ठ (कपित्थ फल) आहेड (शिकार) 38 | कसवट्टय (कसौटी) इक्कडय (दे. एक | कायमणि (काचमणि) का अंक) 65 / किंतणय (काटना) . 98 69

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