Book Title: Agam Athuttari
Author(s): Kusumpragya Shramani
Publisher: Jain Vishva Bharati
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________________ परिशिष्ट 4 : शब्दार्थ दह (दश) 30 | पडिगह (पात्र) दारिद्द (दारिद्र्य) 107 | पडिबुद्ध (प्रतिबुद्ध) दिट्ठि (दृष्टि) | पडिलेहण (प्रतिलेखन) दीधिइ (सूर्य की किरण) 43 | पण्णत्त (प्रज्ञप्त) दुग्ग (दुर्ग) 13 | पत्त (पात्र, योग्य) दुद्ध (दूध) 36 / पमत्त (प्रमत्त) दुवियड्ड (दुर्विदग्घ, जिसे पमुह (प्रमुख) समझाना कठिन हो) 105 | पयंग (सूर्य) देवड्डिखमासमण (देवर्धिगणि | पयंग (पतंगा) क्षमाश्रमण) 14 | पयण (पकाना) धणव (धनवान्) 26 | पवित्त (पवित्र) धम्म (धर्म) 12 | पव्व (पर्व, उत्सव) धम्मायरिय (धर्माचार्य) 113 | पहर (प्रहर) नड (नट, नर्तक) 60 | पहाण (प्रधान) नालेरदीव (नालिकेरद्वीप) 68 | पहिय (पथिक) निउण (निपुण) पासत्थ (पार्श्वस्थ श्रमण) निउत्त (नियुक्त) पासवण (प्रस्रवण, मूत्र) 37 निच्छय (निश्चयनय) पिट्ठीमंस (चुगली) निदाण. (कारण) पुच्छ (पूंछ) . निद्दि? (निर्दिष्ट) पुत्थिया (पुस्तिका) निव्वाण (निर्वाण) पोसह (पौषध) पउम (पदम) बज्झ (बाह्य) पच्चक्खाण (प्रत्याख्यान) पज्जय (दादा) पज्जोय (चंडप्रद्योत राजा) 13 बीय (बीज) पडह . (पटह) 44 / बोल्ल (डुबोना) ला) 10 / बहिर (बधिर)
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