Book Title: Agam Athuttari
Author(s): Kusumpragya Shramani
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 17
________________ 107. 108 आगम अद्भुत्तरी 103, 104. साधु का अवर्णवाद बोलने से होने वाली परिणति। 105. बोधिरत्न नष्ट होने के कारण। ... 106. चुगली करने का फल। साधु की निंदा करने का फल। परवंचन और परापवाद का फल। आचार्य आदि के अवर्णवाद से दुर्लभबोधित्व की प्राप्ति। . आचार्य आदि के गुणोत्कीर्तन से सुलभबोधित्व की प्राप्ति। धर्म के फल में ललितांगकुमार तथा अधर्म में कापालिक और भीमकुमार की कथा। समता से बोधि प्राप्त करने वाले धम्मिल्ल, दामनक आदि के कथानकों का संकेत। वल्कलचीरी और सुबुद्धिमंत्री का ‘गुणानुवाद। सिद्धस्तवन करने का निर्देश। आगमअष्टोत्तरिका के रचयिता एवं इसको पढ़ने का फल। 115.

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