Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 03 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 12
________________ २५ ईशानेन्द्र के कोपके स्वरूपका वर्णन २५८-२७२ २६ ईशानेन्द्रकी स्थितिका निरूपण २७३२७ ईशानेन्द्र और शक्रेन्द्र के गमनागमन आदिका निरूपण २७४-२९६ २८ सनत्कुमार भवसिद्धिक है कि अभवसिद्धिक आदि विषयों प्रश्नोत्तरका निरूपण २९७-३०८ दूसरा उद्देशा २९ दूसरे उद्देशेका संक्षिप्तविषयोंका विवरण ३०९-३१४ ३० भगवानका समवसरण और चमरेन्द्रका निरूपण ३१५-३४५ ३१ असुरकुमार देवोंकी उत्पातक्रियाका वर्णन ३४५-३५८ ३२ चमरेन्द्र के पूर्वभव जाति प्रव्रज्या, और पादपोपगमन संथारेका निरूपण ३५८-३७५ ३३ शकेन्द्रके प्रति चमरेन्द्रकी उत्पातक्रियाका निरूपण ३७६-४२८ ३४ शक्रके द्वारा वज्रका छोडना और चमरका भगवान के शरणमें आनेका निरूपण ४२९-४४० ३५ शकेन्द्रके विचार आदिका निरूपण ४४१-४६० ३६ देवोंके पुद्गलप्रक्षेपप्रतिसंहरण शक्तिके कथनपूर्वक ऊपरकी __ ओर और नीचे की ओर गमनशक्तिका निरूपण ४६१-४७५ ३७ शकेन्द्र और चमरेन्द्रके गतिके स्वरूपका निरूपण ४७६-४९४ ३८ महावीरस्वामीके प्रति चमरेन्द्रका क्षमा प्रार्थना आदिका निरूपण ४९५-५११ ३९ अमुरकुमारके सौधर्मकल्पपर्यन्त ऊर्ध्व गमनके स्वरूपका निरूपण ५१२-५२० तीसरा उद्देशेका प्रारंभ ४० तीसरे उद्देशेका संक्षिप्त विषयोका विवरण ५२१-५२२ ४१ क्रियाके स्वरूपका निरूपण ५२३-५३५ ४२ क्रिया वेदनके स्वरूपका निरूपण ५३६-५४२ ४३ जीवोंके एजनादि क्रियाका निरूपण ५४३-५८३ श्री भगवती सत्र: 3

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