Book Title: Agam 04 Ang 04 Samvayang Sutra
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 12
________________ छवीसइमो समवाप्रो / छब्बीसवां समवाय दशाकल्प-व्यवहार के उद्देशनकाल, कर्मप्रकृतिसत्ता, स्थिति, श्वासो - च्छवास, आहार, सिद्धि | सत्तावीसइमो समवान / सत्ताईसवां समवाय अनगार- गुरण, नक्षत्र - व्यवहार, नक्षत्रमास, सौधर्म - ईशान कल्प की पृथ्वी का वाहत्य, कर्मप्रकृति, सूर्य का संचार, स्थिति, श्वासोच्छ् वास, आहार, सिद्धि । अट्ठावीसइमो समवाप्रो / अट्ठाईसवां समवाय आचारप्रकल्प, मोहकर्म की सत्ता, प्राभिनिवोधिक ज्ञान, ईशान कल्प मे विमानों की संख्या, कर्म प्रकृतिवन्ध, स्थिति, श्वासोच्छ् वास, आहार, सिद्धि | गणतीसइमो समवा / उनत्तीसवां समवाय पापश्रुतप्रसंग, आषाढ़ आदि महिनों में रात-दिन की संख्या, देवों में उत्पत्ति, स्थिति, श्वासोच्छ् वास, आहार, सिद्धि । तीसइमो समवाश्रो/ तीसवां समवाय मोहनीय-स्थान, मंडितपुत्र की श्रमणपर्याय, तीस मुहूतों के तीस नाम, अर जिन की अवगाहना, सहस्रार के सामानिक देव, पार्श्व का गृहवास, महावीर का गृहवास, रत्नप्रभापृथ्वी के नरकावास, स्थिति, श्वासोच्छवास, आहार, सिद्धि | १ तीर्थकरों के अतिशय चक्रवर्ती- विजय, चमरेन्द्र के भवनावास, नरकावास | ६३ १२ ६ १०१ एक्कतीसइमो समवा / इकतीसवां समवाय सिद्धों के प्रादिगुण, मंदरपर्वत, सूर्य का संचार, स्थिति, श्वासो - च्छवास, आहार, सिद्धि | १११ १०४ बत्तीसइमो समवाप्रो / बत्तीसवां समवाय योगसग्रह, देवेन्द्र, कुन्थु के केवली, सौधर्म- कल्प में विमान, रेवती नक्षत्र के तारे, नाट्य-भेद, स्थिति, श्वासोच्छ् वास, आहार, सिद्धि | तेत्तीसइमो समवाओ / तेतीसवां समवाय ११४ आसातना, चमरेन्द्र के भौम, स्थिति, श्वासोच्छवास, आहार, सिद्धि 1 चोत्तीसइमो समवाओ / चौत्तीसवां समवाय ११७ १२४

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