Book Title: Acharangabhasyam
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 530
________________ ४८६ आचारांगमाष्यम् ४।४० ४।४० ४१४० २१४९ पील (पीड) आवीलए पवीलए निप्पीलए पीह (स्पृह) पीहए पुच्छ (प्रच्छ) पुच्छिस्सामो - पुच्छिसु पूर (पूर) पूरइत्तए पोस (पुष्) पोसेंति पोसेज्जा फास (स्पृश्) फासे फुस (स्पृश्) ४/२५ ९।२।११ ३१४२ २०१६ २०१६ ४।३६६।४६ फुसति ५२८६८,६१,९९; ८।२५,११२ बुज्म (बुध्) संबुज्झमाणे ९।११२३, ९।२।१६,९।३।१४; अभोच्चा ९।१।११ ९।४।१७ ९।४।६,७ बूया ४।२६,५२९७, ८।२१,४१ मत (मन्त्र) भम (भ्रम्) णिमंतेज्जा ८।१,२८,२९८1८।२४ विउन्भमे ८।८।१०,१९ णिमंतेज्ज ८२ भय (भज) मज्ज (मृज्) विभयंति २२६८,८४ पमज्जिय ८।१०६,१२६ विभए ६।१०१ पमज्जए ८८९ भइत्ता ८।१०७,१२७ पमज्जिया ९।१२० भव (५) संपलिमज्जमाणे ५७० भवइ १११,४,१३४,१५८,२१६५, मण (मन्) ६७,८१, ६।६०,९६,१०५; मंता १२९१,३।१२ ८८५,९७,९९,१०३ मण्णमाणे २०१५,४४,१४३; ५१६ भविस्सामि १२,४ मन्नति ३१३२ भवंति १७,११,१२,३१,३२,३४,६२, मन्नेसी ५।२१ ६३,६५,८६,८७,८९,११४, मन्नसि ५१.१ ११५,११७,१४१,१४२, मण्णमाणा ६७८,९३ १४४,१६५,१६६,१६८, मन्नेसि ९।१५१५ १७७, ३।४; १८६,६२, मत्थ (मन्थ्) ६७,९५,९९,१११ पमत्थति ४१३३ भवति १२२,२५,४८,७९,१०७, मय (मद) श६३,४।१७:५९,१७, पमायए २।११,५२३ ३२,४१,६२, ६।६४,८५; मज्जेज्जा २।११४ ८.३,८,४३,५५,५७,६२, पमाए ३१५६ ७३,७५,७९,९५,९९,१०५, पमादेंति ३१६८ १११,११४,११६,११७, मिला (म्ल) ११९,१२३,१२५ भविस्सामो मिलाति २।३१ १।११३ अभिभूय ११६८,५२१११:९।२।१० मुच्च (मुञ्च) भास (भाष्) पमुच्चति ३।१५ भासंति ३२५९,४।१ उम्मुंच ३१२९ भासह ४।२२ पमुच्चइ ३।३६ भासामो ४।२३ मुच्चइ ३७. अभिभासिंसु ९।११७ मुच्छ (मूर्छ) अभिभासे ९.११८ मुच्छमाणे १९५ भिव (भिद्) मुच्छति १।९५ भिज्जइ ३॥५८ मुज्झ (मुह.) भुंज (भुज्) मुज्झति भुंजिय ८२ मुस (मृश्) भुजह ८।२१ विप्परामुसइ २।१५० ८९ विप्परामुसंति ५१ भुंजित्था ९।१।१८,१९ विप्परामुसह ८/२५ १।२४,४७,७८,१०६, १३३,१५७; २।१४८ ४।१२, ९।२।६ २०५६ २१८९ ६१ ८।१५,३० ८1८।२४ अबुज्झमाणे अवबुझंति ओबुज्झमाणे संबुज्झमाणा पडिबुज्झ बेमि २८,३५,३९,५१,५४,६५, ६६,८२,८५,८९,११०,११३, ११७,११८,१२२,१३७.१४०, १४४,१६१,१६४,१७७; २।२६, ४८,७४,१०३,१२०,१४०,१४७, १५९,१६५,१८६; ३।२५,५०, . श६४ भंजित ३९,४५,५३, ५।१२,१८,३०, - ३५,३८,४१,६१,८८,८९,९२, १०६,११७,१४०; ६६,२९,५८, ६९,७५,९२,९८,११२,११३; ८।१,२,१०,२०,२४,२८,२९. ४२,६१,८४,११०,१३०,८।८।२५; भुंजति Jain Education international For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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