Book Title: Acharangabhasyam
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 575
________________ प्रयुक्त ग्रन्थ-सूचि प्रकाशक जैन विश्व भारती, लाडनूं (राज.) प्रन्य-नाम लेखक, संपादक, अनुवादक संस्करण अंगसुत्ताणि (भाग-१,२,३) वा० प्र० आचार्य तुलसी प्रथम सं० २०३१ सं० मुनि नथमल (आचार्य महाप्रज्ञ) अंगुत्तरनिकाय (भाग १) सं० भिक्खु जगदीस कस्सपो सन् १९६० अथर्ववेद सं० श्रीराम शर्मा पंचम सं० १९६९ अभिधम्मकोश, भाष्यम् आचार्य वसुबन्धु सन् १९६७ सं० मुनि नय अभिधान चिन्तामणि आचारांग की जोड़ आचारांग चूर्णि हेमचन्द्राचार्य आचार्य जीतमलजी जिनदासगणि सं० २०१३ सं० १९०५ सं० १९९८ पालि प्रकाशन मण्डल, (बिहार राज्य) संस्कृति संस्थान, बरेली काशीप्रसाद जायसवाल अनुशीलन संस्थान, पटना जैन प्रकाशन मन्दिर, अहमदाबाद अप्रकाशित ऋषभदेवजी केसरीमलजी श्वेतांबर संस्था रत्नपुर (मालवा) आगमोदय समिति, बम्बई सिद्धचक्र साहित्य प्रचारक समिति, बम्बई जैन विश्व भारती, लाडनूं आचारांग नियुक्ति आचारांग वृत्ति भद्रबाहु शीलांकाचार्य सन् १९२८ सं० १९९१ आयारो सं० २०३१ वा० प्र० : आचार्य तुलसी सं० मुनि नथमल (आचार्य महाप्रज्ञ) Mc Dougaly London, Metheun & Co. Introduction to Social Psychology इष्टोपदेश आचार्य पूज्यपाद सन् १९७३ द्वितीय सं० १९९३ उत्तरज्झयणाणि (भाग १,२) वा०प्र० आचार्य तुलसी संपा०-विवे० युवाचार्य महाप्रज्ञ उत्तराध्ययन चूर्णि श्री गोपालगणि महत्तर शिष्य परमश्रुत प्रभावक मंडल श्रीमद् राजचंद्र आश्रम, अगास जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) लाडनूं, राज० ऋषभदेवजी केशरीमलजी श्वेतांबर संस्था, रत्नपुर (मालवा) जैन विश्व भारती, लाडनूं (राज.) सं० १९८९ प्रथम सं० २०४५ प्रथम सं० २००६ उवंगसुत्ताणि (खंड २)पन्नवणा वा० प्र० : आचार्य तुलसी संपा० युवाचार्य महाप्रज्ञ ऐतरेयब्राह्मण श्री पं० गंगाप्रसाद उपाध्याय ऐतरेयोपनिषद् ओधनियुक्ति आचार्य भद्रबाहु कर्मग्रन्थ (पंचम) अनु० पं० सुखलालजी सं०१९७५ हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग गीता प्रेस, गोरखपुर आगमोदय समिति, मेहसाणा भरतेश जैन धार्मिक पारमार्थिक संस्था, रतलाम (म० प्र०) बम्बई विश्वविद्यालय, बम्बई. गीता प्रेस, गोरखपुर श्री वेंकटेश्वर प्रेस प्रकाशन, बम्बई संपा०-आर० पी० कांगले सन् १९६० कौटिलीयार्थशास्त्र गीता, शांकरभाष्य गोरक्ष पद्धति Great Books of the western world-Vol-54 अनु०-५० महीधरशर्मा Jain Education international For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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