Book Title: Abhidharmkoshkarika
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Jambuvijay
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________________ आकुष्ये वितिः कल्पसहस्ताण्यधिकाधिकम / ---- महाकल्पः परीतामात् प्रभृत्यर्धमधस्ततः॥८१) कामदेवायुषा तुल्या अहोरात्रा यथाक्रमम् / . संजीवादिषु षट्स्वीयुस्तैस्तेमा कामदेववत् // 2 // अर्ध प्रतापने वीचावन्त:कल्प पर पुनः / ल्पः पुनः पास्तरच्या प्रताना मासाहाशतपंचकम् // 3 // पाहावर्षशनेनैक तिलोद्धार तयायुष. अर्बुदा विंशति गुण प्रति वृद्धायुषः परम् // 8 // कुरुवयोऽन्तरा मृत्युः परमाण्वक्षरक्षणाः। कपनामा व पर्यन्ता परमाणु रणस्तथा। लेहापुंसा विगो छिद्र रजोलिसा तदुद्भवाः / यवस्तथाइली पर्व तेथं सप्त गुणोत्तरम् // 6 // चतुर्विशतिरकुल्यो हस्तो हस्तचतुष्टयम् / धनुः पञ्च शतान्येषां क्रोशोऽरण्यश्च तन्मतम्॥७॥ तेऽौ योजनमित्याहुर्विशे अणशतं पुनः। तं क्षण स्ते, पुन: षटिवत्रिशद्ोत्तराः / त्रयो मुहूर्ता होरात्रमासा हादशमासकः। संवत्सरस्सोनरात्रः कल्पो बहुविधः स्मृतः // 9 // LV ACC ...
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