Book Title: Abhidharmkoshkarika
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Jambuvijay

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Page 65
________________ -आदिकर्मिकनिर्वेधभागीयेषु प्रभाविताः।---- भावने दर्शने चैत्र सप्तवर्गा यथाक्रमम् // 11 // अनासवानि बोध्यछमार्गाडानि विधेतरे।। सकलाः प्रथमे ध्याने नागम्ये प्रीतिवर्जिताः॥१२॥ द्वितीयेऽन्यत्र संकल्पा द् द्वयो स्तवयवर्जिताः। थानान्तरे च शीलाई स्ताभ्यां च त्रिष्वरुपिषु // 3 // 1मठा कामधातौ भवाग्रे च बोधिमार्गाङ्गवर्जिताः। त्रिसत्य दर्शने शील धर्मावत्यप्रसादयोः // 14 // लाभो मार्गाभिसमये बुद्ध तत्संचयोरपि / धर्मासत्यत्रयं बोधिसत्त्व प्रत्येकबुद्धयोः॥५॥ मार्गश्च व्यतस्तु दौ श्रद्धा शीलं च निर्मला: नोक्ता विमुक्तिः हौ आई बद्धत्वात् सा पुनर्दिधा // 6 // असंस्कृता शहानमधिमुक्तिस्तु संस्कृता साई, सेव विमुक्ती दे सानं बोधिर्यथोदिता / / 7 / / L.Y.P.

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