Book Title: Abhidharmkoshkarika
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Jambuvijay

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Page 29
________________ HD ___ मायाकल्पस्य शस्त्ररोगाभ्यां दुर्भिक्षेण च नि। ------- दिवसान सप्त मासांश्च वर्षाणि च यथाक्रमम् // 99 // संवर्तन्य: पूनस्तिसो भवत्यग्यम्बुवायुभिः। ध्यानत्रयं द्वितीयादिशीर्ष तासां यथाक्रमम् // 10 // तदपाल साधर्म्यान्न चतुर्थेऽस्त्यनिञ्जनात् / म नित्यं सह सत्वे तदिदि) मानोदयव्ययात्॥१३॥ सप्ताग्निनादि रेकेवं गतेऽदिः सप्तके पुनः। तजसा सप्तक: पश्चाद्वायुसंवर्तनी ततः / / 102 // // लोक निर्दै शो नाम तृतीयं कोषस्थानम् // EPAwanaware

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