Book Title: Wah Zindagi Author(s): Chandraprabhsagar Publisher: Jityasha Foundation View full book textPage 8
________________ वाह ! ज़िन्दगी घर को स्वर्ग कैसे बनाएँ ? " परिवार बच्चों की पहली पाठशाला है और सामाजिक जीवन का पहला मंदिर। परिवार का माहौल जितना सुन्दर होगा, नई कोंपलें उतनी ही सफल और मधुर होंगी।" ह र व्यक्ति का अपना एक घर, एक परिवार, एक समाज होता है । उसके जीवन का एक लक्ष्य होता है, परिश्रम होता है और उस परिश्रम का परिणाम भी होता है। खुशहाल परिवार और घर सभी को अच्छा लगता है। हर घर और परिवार का वातावरण ऐसा हो कि सुबह ईद का महोत्सव, दोपहर में होली का फाल्गुनी पर्व और ढलती सांझ में दीवाली का सुख - सुकून हो । जिस घर में सुबह से ईद के पर्व की तरह प्रेम, अभिवादन, प्रसन्नता का वातावरण होता है उस घर की सुबह स्वर्ग जैसी हुआ करती है जिस घर में दोपहर के समय सास-बहू, पिता-पुत्र, भाई-बहिन, देवरानीजेठानी एक साथ बैठकर भोजन करते हैं, अपना प्रेम एक दूसरे को समर्पित करते हैं, ऐसा करना घर में होली को मनाने जैसा है। जहाँ साँझ ढलने पर, से बाहर गए लोग, अभिभावकगण हँसी-खुशी के साथ घर में प्रवेश करते हैं, और एक साथ हिलमिलकर, एक दूसरे को देखकर अपने जीवन में चमक, आभा, आनन्द लेते हैं तो वह साँझ और रात भी दीवाली की तरह सुखदायी हो जाती है । घर घर को स्वर्ग कैसे बनाएँ ? Jain Education International For Personal & Private Use Only १ www.jainelibrary.orgPage Navigation
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