Book Title: Vairagya Shatakadi Granth Panchakam
Author(s): Kesharmuni
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund

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Page 26
________________ सटीकवैराग्य दे. ला.. पु. फंडनो | उद्भव इतिहास ५००० पांजरापोळ सुरत अने बीजे. (सुरतनी पांजरापोळमां अपाई.) २५००० वाडी करवा मांडी छे तेनी धर्मशाला करवी. (सुरतमा शेठ देवचंदे रू०२००००(वीस हजार) खरची मकान सहित शतकादि वाडी बांधवा मांडी हती तेमां २५००० (पचीश हजार) उमेरी धर्मशाला स्थापी, जेथी धर्मशालामा कुल्ले रू०४५००० (पिस्तालीश हजार)नी रकम वपराई.)* ॥७॥ ५००० केशर अने बरासमां. (आ रकम शेठ घेलाभाई लालभाई झवेरी केशर बरास फंडमां अपाई छे.) शेठ देवचंद उपर मुजब रू० ५५००० (पंचावन हजार ) खरचवानी यादि लखी शक्या हता, अने रू. १००००० (एक लाख)माथी रू० ४५००० (पिस्तालीश हजार) शेमां खरचवा फरमावq ते विचार करी लखवाना हता. परंतु पोताना अवसान-काल पूर्व ए यादि पूर्ण करी शकाई नहि, जेथी रू. ४५००० (पिस्तालीश हजार)नी रकम नाम-निर्देश विनानी शुभकार्यमां खरचवानी बाकी रही. ए रू० ४५००० (पिस्तालीश हजार)नी रकम शुभकार्योमा खरचवानी शेठ देवचंदना सुपुत्र शा० गुलाबचंदनी कायदेसर रजा मळवा उपरांत, शा० गुलाबचंद देवचंदे पोताना तरफथी महूमनी यादगीरी माटे शुभकार्यमा खरचवा काढेला रू० २५००० * शेठ देवचंदनो आशय रू. वीस हजार खरचेला हता तेमा रू. पांच हजार उमेरी रू. पचीश हजारनी धर्मशाला करवानो हतो. पण कानून ताप्रमाणे विलनो अर्थ एवो थयो के "शेठ देवचंद गमे एटली रकम खरची गया होय ते बिलमा या निराळा तपशीलपत्रमा ए मुजयर्नु स्पष्ट करेलु न लाहोवाथी ए खरचेल रकम गणवानी नहि, पण तेमा रू. पचीश हजार ट्रस्टीओए वधारे आपी ते वाडीनी धर्मशाला करवी." आ धर्मशालानो धर्मशाला तरीके काभ लेवातो न होवाथी स्व. गुलाबचंदे कोर्टनी रजा मेळवी धर्मशालाने 'श्रीरवसागरजी जैन बोडींग हाऊस', तातरीके फेरवी. विद्यार्थीओ आजे एनो सुंदर लाभ लई रया छे. ॥७॥ Jan Education For Private & Personal use only R emeltrary.org

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