Book Title: Uttaradhyayan Ek Samikshatmak Adhyayan
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Shwetambar Terapanthi Mahasabha
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________________ 378 उत्तराध्ययन : एक समीक्षात्मक अध्ययन की ओर से प्रवेश किया था। उसने पूजनीय स्थानों की उपासना कर 'हुशकार' में . रात्रि बिताई।" - अबुरिहान ने भी 'उसकार' का उल्लेख कर उसे नदी के दोनों ओर स्थित माना ___ अल्बरूनी का कथन है कि काश्मीर की नदी भेलम 'उसकार' नगर से होती हुई घाटी में प्रवेश करती है। सम्भव है कि यह 'उसकार' नगर ही 'इषुकार-एषुकार' नगर हो। . कलिंग वर्तमान उड़ीसा का दक्षिणी भाग 'कलिंग' कहा जाता है। साढ़े पचीस आर्य-देशों में इसकी गणना की गई है। बौद्ध-ग्रन्थों में उल्लिखित 16 महाजनपदों में इसका उल्लेख नहीं है। यूआन् चुआङ्ग ने कलिंग जनपद का विस्तार पाँच हजार 'ली' और राजधानी का विस्तार बीस 'ली' बताया है। ____कलिंग देश की राजधानी काञ्चनपुर मानी जाती थी। सातवीं शताब्दी से यह नगर भुवनेश्वर' नाम से प्रसिद्ध है। गान्धार ___ इसकी अवस्थिति की चर्चा करते हुए कनिंघम ने लिखा है कि इसका विस्तार पूर्व-पश्चिम में एक हजार 'ली' (166 मील) और उत्तर-दक्षिण में 800 'ली' (133 मील) था। इसके आधार पर यह पश्चिम में लंघान और जलालाबाद तक, पूर्व में सिन्धु तक, उत्तर में स्वात और बुनिर पर्वत तक और दक्षिण में कालबाग पर्वत तक था / इस प्रकार स्वात से झेलम नदी तक का प्रदेश गान्धार के अन्तर्गत था। जैन-साहित्य में गान्धार की राजधानी 'पुण्ड्रवर्धन' का उल्लेख है और बौद्ध-साहित्य में 'तक्षशिला' का। गान्धार उत्तरापथ का प्रथम जनपद था। १-दि एन्शिएन्ट ज्योग्राफी ऑफ इण्डिया, पृ० 104-105 / २-वही, पृ० 104 / ३-अल्बरूनी'ज इण्डिया, पृ० 207 / ४-यूआन् चुआङ्ग'स ट्रेवेल्स इन इण्डिया, भाग 2, पृ० 198 / ५-वृहत्कल्प सूत्र, भाग 3, पृ० 913 / ६-वि एशिएन्ट ज्योग्राफी ऑफ इण्डिया (सं० 1871), पृ० 48 /